नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा सीट अमेठी में लगा रेल नीर का संयंत्र राजनीतिक चर्चा का विषय बना हुआ है। कांग्रेस का दावा है कि यह संयंत्र उनके कार्यकाल में लगा है जबकि भारतीय जनता पार्टी इसे लगाने का श्रेय अपने कार्यकाल को दे रही है। लेकिन रेलवे के अधिकारियों का इसपर क्या कहना है? चलिए जानते हैं..
रेलवे ने कांग्रेस के 2014 में आईआरसीटीसी द्वारा अमेठी में रेल नीर का संयंत्र शुरू करने के दावे को नकारते हुए शनिवार को कहा है कि यह संयंत्र 2015 में शुरू किया गया था। शुक्रवार को ट्वीट में कांग्रेस ने दावा किया था कि संयंत्र 2014 में स्थापित किया गया था लेकिन बाद में भाजपा के हैंडल से किए गए ट्वीट में कहा गया कि इसे 2015 में शुरू किया गया था।
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि संयंत्र की घोषणा 2010-2011 के बजट में की गयी थी और इसका शिलान्यास फरवरी 2014 में चुनावों से पहले किया गया था। उन्होंने बताया कि आईआरसीटीसी ने इसे 2015 में शुरू किया था। इस संयंत्र की क्षमता प्रतिदिन भारतीय रेलवे के लिए 72000 हजार बोतल बनाने की है और यह लखनऊ रेलवे स्टेशन से 125 किलोमीटर दूर अमेठी के टिकरिया में स्थित है। यहां से रेल नीर की बोतलें लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद, गोरखपुर और वाराणसी जैसे बड़े स्टेशनों को आपूर्ति की जाती है।
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