नयी दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि जीएसटी मासिक बिक्री रिटर्न और की गई आपूर्ति के ब्योरे में किसी भी अंतर की जानकारी सालाना रिटर्न फार्म में देनी होगी और उस पर बनने वाला वाजिब कर का भुगतान किया जाना चाहिए।
सालाना रिटर्न और मिलान ब्योरा पर अपने स्पष्टीकरण में मंत्रालय ने कहा कि कंपनियों ने कुछ सवाल पूछे हैं कि सालाना रिटर्न भरने तथा मिलान ब्योरा भरने के लिये आंकड़ों का प्राथमिक स्रोत जीएसटीआर-1, जीएसटीआर-3बी या लेखा बही-खाता इनमें से क्या होना चाहिये।
जीएसटीआर-1 जहां बाहर की गई आपूर्ति का खाता होता है वहीं जीएसटीआर-3बी में सभी लेन-देन का सार बताया जाता है और भुगतान किये जाते हैं। मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी-1, जीएसटीआर-3बी और लेखा बही- सभी खाते एक समान होने चाहिए और विभिन्न फार्म तथा बही-खातों में मूल्य का मिलान होना चाहिये।
अगर इनमें मिलान नहीं होता है तो दो चीजें हो सकती हैं... या तो कर का भुगतान सरकार को नहीं किया गया या अधिक कर का भुगतान किया गया। मंत्रालय के अनुसार पहले मामले में उसकी घोषणा सालाना रिटर्न में होनी चाहिए और कर का भुगतान किया जाना चाहिए। बाद में सभी सूचना सालाना रिटर्न में दी जा सकती है और पात्र होने की स्थिति में रिफंड के लिये जीएसटी आरएफडी-01ए के जरिये आवेदन दिया जा सकता है।
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