महामारी से पहले के स्तर से भी ऊपर पहुंची कारोबारी गतिविधियां, जारी रहेगी रिकवरी: रिपोर्ट
ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने कहा कि सितंबर तिमाही में जीडीपी की वृद्धि में तेजी आएगी और उसने चालू वित्त वर्ष में 10.4 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि का अपना अनुमान बरकरार रखा है।
नई दिल्ली। व्यावसायिक गतिविधियों में तेजी का रुख जारी है और गत 29 अगस्त को समाप्त सप्ताह में ये गतिविधियां महामारी से पहले के स्तर से काफी ऊपर पहुंच गयी। एक जापानी ब्रोकरेज कंपनी ने सोमवार को यह जानकारी दी। ब्रोकरेज कंपनी के अनुसार, नोमुरा इंडिया बिजनेस रिजम्पशन इंडेक्स 29 अगस्त को समाप्त सप्ताह के लिए बढ़कर 102.7 हो गया, जो इससे पिछले सप्ताह में 101.3 पर था। मार्च 2020 के महामारी से पहले के स्तरों के साथ व्यावसायिक गतिविधियों की तुलना करने वाला यह सूचकांक संक्रमण की दो लहरों के दौरान तेजी से गिर गया था। दोनों ही लहरों के दौरान देश के ज्यादातर हिस्से में लॉकडाउन लगाया गया था।
नोमुरा ने कहा कि अगस्त 2021 में सूचकांक में 5.6 प्रतिशत अंक की वृद्धि हुई जबकि इससे पहले, जुलाई में यह 17.1 और जून में 15 प्रतिशंत अंक चढ़ा था। ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि सितंबर तिमाही में जीडीपी की वृद्धि में तेजी आएगी और उसने चालू वित्त् वर्ष में 10.4 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि का अपना अनुमान बरकरार रखा है। नोमुरा के मुताबिक बिजली की मांग 0.1 प्रतिशत बढ़ी है जबकि श्रम भागीदारी एक सप्ताह पहले के 40 प्रतिशत से मामूली बढ़कर 40.8 प्रतिशत पर पहुंच गई। ब्रोकरेज फर्म ने कहा है कि नये संक्रमण मामलों को लेकर मिली जुली खबरें हैं। सात दिन के औसत के मुताबिक मामलों की संख्या पिछले सप्ताह के 9,200 से बढ़कर 41,000 तक पहुंच गई। हालांकि, यह स्थिति केरल की वजह से बनी है। फिर भी ब्रोकरेज फर्म ने कहा है कि आगामी त्यौहारों के मौसम को देखते हुये ‘‘तीसरी लहर’’ को खारिज नहीं किया जा सकता है।
इससे पहले इक्रा रेटिंग्स ने कहा था कि राज्यों द्वारा कोविड-19 से संबंधित प्रतिबंधों में ढील के साथ जुलाई 2021 में आर्थिक गतिविधियों में सुधार की बुनियाद मजबूत हुई है। रेटिंग एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार देश में कारोबारी गतिविधियों पर लगाई गई रोक को वापस लेने के बाद जुलाई 2021 में विभिन्न उच्च आवृत्ति वाले औद्योगिक और सेवा क्षेत्र के संकेतकों, आवाजाही और टोल संग्रह में सुधार देखने को मिला है। इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने रिपोर्ट में कहा, ‘‘विशेष रूप से दक्षिणी राज्यों सहित अन्य राज्यों द्वारा प्रतिबंधों में ढील बढ़ाने के साथ जुलाई 2021 में आर्थिक सुधार की जड़ें गहरी हो गईं। सामान्य आधार प्रभाव के बावजूद 15 उच्च आवृत्ति संकेतकों में से आठ ने सालाना आधार पर जुलाई 2021 में उत्साहजनक सुधार दर्ज किया।’’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा 13 गैर-वित्तीय संकेतकों में से 10 ने जुलाई 2021 में सालाना आधार पर वृद्धि दर्ज की। हालांकि, सुधार की गति जून 2021 में देखे गए स्तरों से कम रही। जून 2021 की तुलना में जुलाई 2021 में जीएसटी ई-वे बिल, ईंधन की खपत, बिजली उत्पादन, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का उत्पादन, वाहन पंजीकरण, घरेलू यात्री यातायात आदि के सालाना प्रदर्शन में सुधार हुआ। इसके विपरीत बंदरगाह कार्गो यातायात, डीजल की खपत और रेल माल ढुलाई ने जुलाई 2021 में मासिक आधार पर गिरावट दर्ज किया। एजेंसी ने आगे कहा कि अगस्त 2021 के शुरुआती आंकड़े मिलीजुली प्रवृत्ति का संकेत देते हैं।
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