नई दिल्ली। आभाषीय करेंसी बिटकॉइन को लेकर सरकार ने एक बार फिर से अपना रुख साफ कर दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा है भारत में बिटकॉइन लीगल टेंडर नहीं हैं, यानि कानूनी तौर पर इसे करेंसी नहीं माना जा सकता। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि बिटकॉइन पर कोई फैसला लेने से पहले सरकार सभी तरह की आभाषीय करेंसी पर एक एक्सपर्ट रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
कुछ दिन पहले सरकार ने बिटॉइन और दूसरी आभाषीय करेंसी पर कहा था कि इनमें किया गया निवेश कानूनी तौर पर सुरक्षित नहीं है क्योंकि बिटकॉइन एक तरह की पॉन्जी स्कीम है। इस तरह की योजनाओं में किए गए निवेश के डूबने की आशंका बनी रहती है।
पिछले कुछ समय से बिटकॉइन की कीमतों में हुई बढ़ोतरी ने निवेशक इसकी तरफ आकर्षित हुए हैं। एक साल पहले बिटकॉइन का भाव 1000 डॉलर के करीब था और एक साल बाद अब इसका भाव 13,000 डॉलर के करीब है। हालांकि बीते दिसंबर में बिटकॉइन की कीमतों ने 19,862 डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ था जिसके बाद इसकी कीमतों में भारी गिरावट आई है।
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