नई दिल्ली। वोडाफोन आइडिया के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कंपनी पर समायोजित सकल आय (एजीआर) के 53,000 करोड़ रुपए के बकाये के भुगतान के भारी दबाव के बीच मंगलवार को दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश से मुलाकात की। चर्चा है कि संविधिक बकाये के भुगतान पर न्यायालय के आदेश के अनुपालन में चूक पर सरकार कंपनी की बैंक गारंटी भुना सकती है। बैठक के बाद बिड़ला ने कहा कि वह इस मौके पर कुछ नहीं कह सकते हैं।
बिड़ला का प्रयास कंपनी का कारोबार बचाने के विकल्प ढूंढना है। वोडाफोन आइडिया ने सोमवार को अपने सांविधिक बकाये में से 2,500 करोड़ रुपए का भुगतान किया है, जबकि एक हफ्ते के भीतर दूरसंचार उद्योग को 1,000 करोड़ रुपए का भुगतान और करने का वादा किया है। हालांकि कंपनी ने अभी जितना भुगतान किया है, यह उस पर कुल बकाये के पांच प्रतिशत से भी कम है। दूरसंचार विभाग के अनुसार कंपनी पर करीब 53,000 करोड़ रुपए का सांविधिक बकाया है।
दूरसंचार सचिव के साथ बैठक में बिड़ला के साथ वोडाफोन आइडिया के एमडी और सीईओ रविंदर टक्कर भी मौजूद थे। दिसंबर में बिड़ला ने कहा था कि यदि सांविधिक बकाये पर सरकार द्वारा कोई राहत नहीं मिलती है तो वोडाफोन आइडिया को बंद करना पड़ सकता है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा एजीआर का भुगतान न करने पर सख्ती दिखाने के बाद एयरटेल ने 10,000 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। एयरटेल ने कहा है कि वह बकाया राशि का भुगतान 17 मार्च से पहले कर देगी।
टाटा टेलीसर्विसेस ने भी 2197 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। दूरसंचार विभाग ने कहा है कि यदि टेलीकॉम कंपनियां एजीआर बकाये का भुगतान नहीं करती हैं तो वो टेलीकॉम लाइसेंस लेने के समय जमा कराई गई बैंक गारंटी को भुनाने जैसे कदम उठाएगा। बैंक गारंटी को भुनाना कंपनियों के लिए खतरनाक हो सकता है।
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