नई दिल्ली। यदि आप बिहार में रहते हैं और वहां कार खरीदने की तैयारी में हैं तो आपके लिए बुरी खबर है। राज्य की नीतीश कुमार सरकार ने वाहनों पर लगने वाले टैक्स की व्यवस्था में बड़ा परिवर्तन किया है। इसके तहत अब मोटरसाइकिल, कार और वाणिज्यिक वाहनों पर ज्यादा टैक्स देना होगा। सरकार ने बताया कि अब से वाहनों के क्यूबिक सेंटीमीटर (सीसी) के आधार पर नहीं बल्कि वाहनों के मॉडल के मुताबिक टैक्स लगाया जाएगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को टैक्स दरों में बदलाव का फैसला लिया गया। कैबिनेट ने राज्य में टैक्स के चार स्लैब तय किए गए हैं - 8, 9, 10 और 12 प्रतिशत। ये वाहन खरीदने के समय एक ही बार 15 वर्षों के लिए होगा। एक्स-शो रूम प्राइस में वाहन की कीमत, सेंट्रल जीएसटी, स्टेट जीएसटी, इंटीग्रेटेड जीएसटी और उपकर सभी शामिल होंगे।
अब आपको बताते हैं कि किस वाहन पर आपको कितना टैक्स देना होगा। अब एक लाख रुपए तक की मोटरसाइकिल पर 8 प्रतिशत टैक्स देना होगा। पहले यह दर छह प्रतिशत थी। ऐसे में 90 हजार की बाइक पर पहले 5400 टैक्स देना पड़ता था, अब 7200 रुपए देने होंगे। वहीं बात की जाए आठ लाख रुपए तक की कार की तो इस पर अब 9 प्रतिशत टैक्स देना होगा। पहले टैक्स की दर सात प्रतिशत थी। यदि आप 7 लाख रुपए की स्विफ्ट या आई20 लेते हैं तो पहले जहां 4900 रूपए टैक्स लगता था। अब 6300 रुपए देने होंगे। आठ लाख से 15 लाख रुपए तक की कार पर 10 प्रतिशत टैक्स लगेगा।
वहीं 15 लाख रुपए से अधिक कीमत की लग्जरी कार की बात करें तो इसे सबसे ऊंचे टैक्स स्लैब में रखा गया है। अब इस पर 12 प्रतिशत टैक्स लगेगा। वहीं बसों और ट्रकों पर सालाना टैक्स भी पैसेंजर बैठाने की क्षमता यानी सीटों की संख्या, पॉवर और क्वालिटी के आधार पर तय होगा। इसमें भी जनरल वाहनों और लग्जरी वाहनों पर अलग-अलग टैक्स देना होगा।
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