बिगबास्केट की डिलीवरी में देरी से ग्राहक परेशान, कंपनी ने बताई वजह
बिगबास्केट ने बुधवार को कहा कि उसे कुछ शहरों ‘अत्यधिक’ ऊंची मांग और अंकुशों की वजह से सामान की आपूर्ति में ज्यादा समय लग रहा है।
नयी दिल्ली। ऑनलाइन ऑर्डर पर किराना सामान उपलब्ध कराने वाले मंच बिगबास्केट ने बुधवार को कहा कि उसे कुछ शहरों ‘अत्यधिक’ ऊंची मांग और अंकुशों की वजह से सामान की आपूर्ति में ज्यादा समय लग रहा है। कोविड की दूसरी लहर के बीच विभिन्न राज्य सरकारों ने सप्ताहांत कर्फ्यू और लॉकडाउन लगाया है। ज्यादातर राज्यों ने ई-कॉमर्स मंचों के जरिये आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की अनुमति दी है।
पढ़ें- LPG ग्राहकों को मिल सकते हैं 50 लाख रुपये, जानें कैसे उठा सकते हैं लाभ
पढ़ें- खुशखबरी! हर साल खाते में आएंगे 1 लाख रुपये, मालामाल कर देगी ये स्कीम
बिगबास्केट ने बयान में कहा, ‘‘महामारी की दूसरी लहर से विभिन्न शहरों में हमारे मंच पर ऑर्डर में भारी इजाफा हुआ है। महामारी की स्थिति की वजह से हमने पिछले साल और 2021 की शुरुआत में अपनी क्षमता और ढांचे के विस्तार पर काम किया है।’’ कंपनी ने कहा कि इस वजह से वह अपने परिचालन वाले सभी शहरों में आपूर्ति कर पा रही है। हालांकि, कुछ शहरों में ऊंची मांग की वजह से आपूर्ति में अधिक समय लग रहा है।
पढ़ें- हिंदी समझती है ये वॉशिंग मशीन! आपकी आवाज पर खुद धो देगी कपड़े
पढ़ें- किसान सम्मान निधि मिलनी हो जाएगी बंद! सरकार ने लिस्ट से इन लोगों को किया बाहर
ईकॉमर्स कंपनियों के लिए बदलेंगे नियम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उद्योग प्रमुखों से कहा है कि विभिन्न राज्यों में वस्तुओं के वर्गीकरण को लेकर जो विसंगतियां हैं, उस पर गौर किया जाएगा। इसका मतलब है कि सरकार ई-वाणिज्य कंपनियों द्वारा आपूर्ति किये जाने वाले सामान के मामले में अनिवार्य और गैर-अनिवार्य वस्तुओं की परिभाषा स्पष्ट कर सकती है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। उद्योग मंडल फिक्की से जुड़े उद्योगपतियों के साथ बैठक में सीतारमण ने कहा था कि ई-वाणिज्य कंपनियों द्वारा आपूर्ति की जाने वाली कौन वस्तु अनिवार्य है और कौन गैर-जरूरी, इसको लेकर विभिन्न राज्यों में अलग-अलग व्यवस्था है। मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्री के अनुसार यह विचार के लिये उपयुक्त विषय है और वह मामले को मंत्रियों के समूह के समक्ष ले जाएंगी। इस बारे में वित्त मंत्रालय और फिक्की से फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं मिल पायी है। कइ राज्यो ने कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिये स्थानीय स्तर पर ‘लॉकडाउन’ लगाया है। इसके तहत उन्होंने ई-वाणिज्य कंपनियों को केवल जरूरी सामानों की आपूर्ति की मंजूरी दी है। लेकिन अलग-अलग राज्यों में ऐसे जिंसों की सूची अलग-अलग है।