नई दिल्ली। घोटाले की मार झेल रहे पंजाब नेशनल बैंक (PNB) का जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाले बड़े चूककर्ताओं (डिफॉल्टर्स) की देनदारी इस वर्ष मार्च में बढ़कर 15,171.91 करोड़ रुपए हो गयी है, जो कि पिछले महीने से 1.8 प्रतिशत अधिक है। फरवरी में चूककर्ताओं पर 14,904.65 करोड़ रुपए बकाया था। यह आंकड़ें उन चूककर्ताओं के हैं, जिनके ऊपर 25 लाख रुपए से अधिक का बकाया है और वह कर्ज चुकाने में सक्षम होने के बावजूद भी भुगतान नहीं कर रहे हैं। इसमें नाफेड (Nafed) का नाम भी शामिल है।
पीएनबी ने पिछले साल जून से ऐसे चूककर्ताओं के नाम और उन पर बकाये कर्ज की सूची बनानी शुरू की है। दस महीनों के दौरान इनका बकाया 11, 879 करोड़ रुपए से 28 प्रतिशत बढ़ा है।
बड़े चूककर्ताओं में रसायन विनिर्माता कंपनी कुडोस केमी लिमिटेड (1,301.82 करोड़ रुपए), किंगफिशर एयरलाइंस (597.44 करोड़ रुपए), वीएमसी सिस्टम्स लिमिटेड (296.08 करोड़ रुपए), अरविंद रेमेडीज (158.16 करोड़ रुपए) और इंदु प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (102 करोड़ रुपए) शामिल हैं। इन सभी कंपनियों को पंजाब नेशनल बैंक ने बैंकों के गठजोड़ के रूप में कर्ज दिया है।
सूची में शामिल अन्य चूककर्ता विनसम डायमंड्स एंड ज्वैलरी (899.70 करोड़ रुपए), जूम डेवलपर्स (410.18 करोड़ रुपए), जैस इंफ्रास्ट्रक्चर एंड पावर लिमिटेड (410.96 करोड़ रुपए), एपल इंडस्ट्रीज (248.34 करोड़ रुपए), नाफेड (224.24 करोड़ रुपए), एमबीएस ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड (266.17 करोड़ रुपए) और एस कुमार नेशनवाइड (146.82 करोड़ रुपए) है।
31 दिसंबर 2017-18 को समाप्त तीसरी तिमाही में पीएनबी का सकल एनपीए या फंसा कर्ज, समग्र कर्ज का 12.11 प्रतिशत यानी 57,519.41 करोड़ रुपए रहा। जबकि 2016-17 में सकल एनपीए समग्र कर्ज का 12.53 प्रतिशत यानी 55,370.45 करोड़ रुपए था।
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