Hindi Newsपैसाबिज़नेसदेश की बड़ी स्टील और सीमेंट कंपनियां कार्टेल बनाकर कर रही हैं काम, पीएम मोदी के पास पहुंची शिकायत
देश की बड़ी स्टील और सीमेंट कंपनियां कार्टेल बनाकर कर रही हैं काम, पीएम मोदी के पास पहुंची शिकायत
Big steel, cement firms operating as a cartel; need to place regulator, गडकरी ने कहा कि यदि स्टील और सीमेंट की कीमतें इसी तरह बढ़ती रहीं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारत को 5 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का सपना साकार करना मुश्किल होगा।
नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि देश की बड़ी स्टील और सीमेंट कंपनियां कार्टेल बनाकर काम कर रही हैं और यह दोनों इंडस्ट्री मिलकर कीमतों को कृत्रिम रूप से बढ़ाने में लगी हुई हैं। उन्होंने इस सेक्टर के लिए एक रेगूलेटर की भी वकालत की है।
गडकरी ने कहा कि यदि स्टील और सीमेंट की कीमतें इसी तरह बढ़ती रहीं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारत को 5 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का सपना साकार करना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में तेज वृद्धि के लिए उनका मंत्रालय अगले पांच सालों में 111 लाख करोड़ रुपये निवेश करने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि कार्टेलाइजेशन का आरोप पहले भी लगते रहे हैं। विशेषकर रियल एस्टेट इंडस्ट्री इस तरह के आरोप बार-बार लगाती रही है, क्योंकि उसे इसकी वजह से ऊंची इनपुट लागत की चुनौती से दो-चार होना पड़ता है।
बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम में बोलते हुए गडकरी ने कहा कि स्टील और सीमेंट इंडस्ट्री के बीच कार्टेलाइजेनश, हम सबके लिए एक समस्या है, वास्तव में मुझे लगता है कि सीमेंट और स्टील इंडस्ट्री में कुछ बड़ी कंपनियों द्वारा कार्टेल बनाया गया है।
मंत्री ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत की है और पीएमओ के प्रमुख सचिव के साथ भी इसपर बहुत लंबी चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि स्टील इंडस्ट्री में सभी कंपनियों के पास अपनी आयरन ओर खदानें हैं और यहां न तो लेबर या पावर कॉस्ट बढ़ी है, ऐसे में स्टील इंडस्ट्री द्वारा रेट बढ़ाए जाने से वह हैरान हैं।
गडकरी ने कहा कि हम इसका समाधान खोज रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्टील और सीमेंट इंडस्ट्री के लिए एक रेगूलेटर की स्थापना का सुझाव अच्छा है। गडकरी ने कहा कि वह रेगूलेटर की स्थापना के लिए प्रस्ताव को वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के समक्ष रखेंगे।