नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को मसूर दाल पर आयात शुल्क घटाकर शून्य कर दिया है। घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और बढ़ती कीमतों पर अंकुश के लिए केंद्र सरकार ने मसूर दाल पर एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस को भी आधा घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्य सभा में इस संबंध में एक अधिसूचना को प्रस्तुत किया।
मंत्री ने कहा कि अमेरिका को छोड़कर अन्य देशों में उत्पादित और आयात कर लाई गई मसूर दाल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 10 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में उत्पादित और वहां से आयातित मसूर दाल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 30 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि मसूर दाल पर एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस को भी वर्तमान दर 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा एकत्रित आंकड़ों के मुताबिक इस साल मसूर दाल की खुदरा कीमत में 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो चुकी है। अभी मसूर दाल 100 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक रही है, जबकि 1 अप्रैल को इसका खुदरा दाम 70 रुपये प्रति किलो था।
इंडिया ग्रेंस एंड पल्सेस एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट बिमल कोठारी ने इस माह की शुरुआत में कहा था कि भारत को हर साल 2.5 करोड़ टन दालों की आवश्यकता होती है। लेकिन इस साल हमें कमी का सामना करना होगा।
केंद्र सरकार ने देश में एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए चालू वित्त वर्ष में पेट्रोल, डीजल, सोना और कुछ आयातित कृषि उत्पादों सहित कुछ वस्तुओं पर एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस लगाने का प्रस्ताव किया है।
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