नई दिल्ली। छठे दौर में 3.92 लाख करोड़ रुपये की स्पेक्ट्रम नीलामी के लिये बोलियों की प्रक्रिया एक मार्च से शुरू होगी। बुधवार को जारी एक सरकारी नोटिस में इसकी जानकारी दी गयी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल से 2,251.25 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। इनकी कीमत 17 दिसंबर 2020 की आधार दर के हिसाब से 3.92 लाख करोड़ रुपये है। दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने प्री-बिड कांफ्रेंस के लिये 12 जनवरी का समय तय किया है। इस नोटिस को लेकर 28 जनवरी तक स्पष्टीकरण मांगा जा सकता है। नीलामी में भाग लेने के लिये दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को पांच फरवरी तक आवेदन दायर करना होगा। नोटिस के अनुसार, बोलीदाताओं की अंतिम सूची की घोषणा 24 फरवरी को होगी। इस दौर में 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज और 2500 मेगाहर्ट्ज के लिये बोलियां एक मार्च से शुरू होने वाली हैं।
वहीं सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने मार्च, 2021 तक स्पेक्ट्रम की नीलामी के सरकार के फैसले का स्वागत किया है। इसके साथ ही सीओएआई ने कहा है कि स्पेक्टूम के आरक्षित मूल्य को कम करने से दूरसंचार कंपनियों के पास नेटवर्क विस्तार के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध हो सकते थे। सीओएआई के सदस्यों में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया शामिल हैं। सीओएआई के महानिदेशक एस पी कोचर ने बयान में कहा कि पूर्व की नीलामियों में ऊंचे आरक्षित मूल्य की वजह से बड़ी मात्रा में स्पेक्ट्रम बिक नहीं पाया था। कोचर ने कहा, ‘‘हम मार्च, 2021 तक स्पेक्ट्रम नीलामी के सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं। इससे उद्योग डेटा की बढ़ती मांग को पूरा करने और डिजिटल भारत के दृष्टिकोण को समर्थन दे पाएगा।’’ सीओएआई ने कहा कि सरकार ने उद्योग की अधिक स्पेक्ट्रम की जरूरत को तो पूरा किया है, लेकिन स्पेक्ट्रम के लिए निचले आरक्षित मूल्य से दूरसंचार कंपनियों के पास नेटवर्क विस्तार के लिए अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध हो सकते थे।
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