मुंबई। RBI ने एक विशेष इकाई को बड़ी मात्रा में ऋण देने के कारण बैंकिंग प्रणाली के समक्ष उत्पन्न जोखिम को कम करने के लिए कड़े नियमों का प्रस्ताव किया है। बैंकों द्वारा कुछ बड़ी कंपनियों को अधिक कर्ज को लेकर चिंता के बीच केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया है। शीर्ष बैंक ने कहा कि मसौदे को 2017-18 के बाद पेश करने का प्रस्ताव है और बैंक प्रणाली को कर्ज लेने वाले विशेष इकाइयों को भविष्य में दिया जाने वाला ऋण सामान्य-स्वीकार्य कर्ज सीमा (एनपीएलएल) के दायरे में रखना चाहिए।
प्रस्ताव के अनुसार 2017-18 के बाद किसी विशेष कर्जदार को भविष्य में ऋण अगर एनपीएलएल से अधिक होता है तो उसे उच्च जोखिम वाला माना जाएगा। इसके लिए अतिरिक्त मानक संपत्ति प्रावधान करना होगा। परिचर्चा पत्र पर 30 मई तक टिप्पणी मांगी गई है।
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इस बीच, RBI ने कहा कि पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश तथा चार अन्य देशों को भारत में शाखा कार्यालय या परियोजना कार्यालय स्थापित करने के लिए उसकी मंजूरी लेनी होगी। अन्य देश तथा क्षेत्र श्रीलंका, अफगानिस्तान, ईरान तथा हांगकांग या मकाउ हैं। केंद्रीय बैंक ने विदेशी इकाइयों के लिए भारत में शाखा कार्यालय या परियोजना कार्यालय या जनसंपर्क कार्यालय खोलने के लिए दिशानिर्देश जारी करते हुए यह कहा। इसके अलावा, जम्मू कश्मीर, पूर्वोत्तर क्षेत्र तथा अंडमान निकोबार द्वीप समूह में भी कार्यालय खोलने के लिए रिजर्व बैंक की मंजूरी की जरूरत होगी।
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