अरुंधति भट्टाचार्य बनीं अमेरिका से बाहर दूसरी पावरफुल वुमन, लिस्ट में चंदा कोचर और शिखा शर्मा भी शामिल
एसबीआई प्रमुख अरुंधती भट्टाचार्य दुनिया की सबसे ताकतवर गैर अमेरिकी महिलाओं की सूची में दूसरे नंबर पर हैं। चंदा कोचर और शिखा शर्मा भी लिस्ट में शामिल हैं।
न्यूयार्क। भारत की तीन शीर्ष महिला बैंकर अमेरिका के बाहर सबसे शक्तिशाली महिलाओं की टॉप-50 लिस्ट में आ गई हैं। एसबीआई प्रमुख अरुंधती भट्टाचार्य दुनिया की सबसे ताकतवर गैर अमेरिकी महिलाओं की सूची में दूसरे नंबर पर हैं। आईसीआईसीआई बैंक प्रमुख चंदा कोचर और एक्सिस बैंक की मुख्य कार्यकारी शिखा शर्मा भी इस लिस्ट में शामिल हैं। Fortune द्वारा जारी एक सूची में शीर्ष स्थान बैंकों सैंटेंडर समूह की प्रमुख ऐना बोटीन को मिला है।
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फॉर्च्यून की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 50 शीर्ष शक्तिशाली महिलाओं की सूची में 60 वर्षीय भट्टाचार्य दूसरे स्थान पर जबकि कोचर पांचवें और शर्मा 19वें स्थान पर हैं। इस सूची में अमेरिका से बाहर की महिलाओं को शामिल किया गया है। बाजार मूल्य के लिहाज से यूरो क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक, बैंकों सेंटेंडर की समूह कार्यकारी अध्यक्ष, बोटीन ने ऐसे वक्त में एक बार फिर से शीर्ष स्थान प्राप्त किया है जबकि हर जगह आर्थिक और राजनीतिक उतार-चढ़ाव का माहौल है। 2016 की सूची में 19 देशों को शामिल किया गया है।
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फॉर्च्यून ने कहा है कि भट्टाचार्य का दर्जा भारत के सबसे बड़े बैंक के प्रमुख के तौर पर तीन साल के कार्यकाल के दौरान बढ़ा। एसबीआई की अध्यक्ष भट्टाचार्य जिनके बारे में माना जा रहा था कि वह भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के तौर पर रघुराम राजन की जगह ले सकती हैं, ने बैंकों के एनपीए के साथ संघर्ष के बीच अपना उच्च स्थान बरकरार रखा है। उन्होंने मई में एसबीआई के छह अन्य समूहों के साथ विलय योजना में प्रमुख भूमिका निभाई जो पूरी हुई तो यह एशिया का सबसे बड़ा बैंक बना जाएगा।
फॉर्च्यून ने कहा, हालांकि एसबीआई प्रमुख के तौर पर उनका कार्यकाल अक्तूबर में खत्म हो रहा है लेकिन उम्मीद है कि सरकार उन्हें सेवा विस्तार देगी। फॉर्च्यून ने कहा कि आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी 54 वर्षीय, कोचर को प्रतिद्वंद्वी बैंकरों का प्रतिद्वंद्वी माना जाता है। उनकी प्रशस्ति में कहा गया कि भारत के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े और 139 अरब डालर की एकीकृत परिसंपत्ति वाले बैंक के प्रमुख के तौर पर उन्होंने देश के उपभोक्ता खुदरा कारोबार में आमूल परिवर्तन किया।
पत्रिका ने कहा, हालांकि वसूल न किए जा सकने वाले कर्ज (एनपीए) के कारण इस साल आय वृद्धि पर असर हुआ लेकिन कोचर ने कायाकल्प से जुड़े विशेषज्ञों के साथ संपर्क किया ताकि उन दबाव वाली परिसंपत्तियों का असर दरकिनार किया जा सके। फॉर्च्यून ने कहा कि इधर 57 वर्षीय शर्मा ने एक्सिस को एक अनाम बैंक से देश के निजी क्षेत्र के सबसे अधिक तेजी से वृद्धि दर्ज करने वाले बैंक में तब्दील कर दिया जिसका राजस्व 2015 में 15 प्रतिशत बढ़कर 7.9 अरब डालर हो गया इसकी 1,800 शहरों तथा कस्बों में 3000 शाखाएं हैं।