नई दिल्ली। पहली सितंबर को रिलायंस की वार्षिक बैठक में जब मुकेश अंबानी दुनिया की सबसे सस्ती 4G सर्विस लॉन्च करने की घोषणा कर रहे थे, ठीक उसी वक्त बाकी टेलीकॉम कंपनियों के बोर्ड रूम और शेयर बाजार खलबली मची हुई थी। एक दिन में एयरटेल और आइडिया के निवेशकों को अरबों रुपए की चपत लगी। वहीं फ्री सर्विस का फायदा उठाने के लिए लोग रिलायंस स्टोर के सामने लाइन लगाए खड़े नजर आए। देश की सबसे प्राइवेट टेलीकॉम कंपनी एयरटेल के लिए ये किसी सदमे से कम नहीं है। एक्सपर्ट्स से लेकर ग्लोबल रेटिंग एजेंसियों ने रेवेन्यु को लेकर खतरे की घंटी बजा दी है। हालांकि, दुनिया की प्रमुख रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (एसएंडपी) के मुताबिक रिलायंस जियो के आने से एयरटेल को रेवेन्यु लॉस तो होगा लेकिन बड़े कस्टमर बेस और देश में सबसे पहले 4G सर्विस लॉन्च करने का फायदा मिलेगा। ऐसे में जियो के आने के बाद भी फिलहाल एयरटेल का नंबर-1 का तमगा छिनने की कोई संभावना नहीं है।
स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने कहा कि सस्ते डेटा टैरिफ और फ्री कॉल की वजह से एयरटेल का ऑपरेटिंग परफॉरमेंस कमजोर होगा। यही वजह है की कंपनियों को रेवेन्यु लॉस होने की संभावना है। एसएंडपी के अनुसार वित्त वर्ष 2016 में कंपनी को 10 फीसदी रेवेन्यु लॉन्च होगा। वहीं 2018 और 2019 में यह घटकर 5 फीसदी पर आने की उम्मीद है। एजेंसी ने कंपनी की रेटिंग कोई बदलाव नहीं किया है। एसएंडपी ने कहा कि भारती एयरटेल जियो के तूफान का सामना करने में सक्षम है। कंपनी को देश के कई हिस्सों में सबसे पहले 4G सर्विस लॉन्च करने का फायदा मिलेगा। वहीं बड़ा कस्टमर बेस रियो से मुकाबले करने में मददगार साबित होगा।
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एसएंडपी ने कहा “हमें भरोसा है कि देश में मौजूद बाकी कंपनियों के मुकाबले एयरटेल बेहतर प्रदर्शन करेगी और रिलायंस इंडस्ट्री को टक्कर देगी। इतना ही नहीं भारतीय टेलीकॉम इंडस्ट्री में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखेगी”। एयरटेल के पास 25 करोड़ यूजर्स हैं जबकि रिलायंस जियो को इस्तेमाल करने वाले सिर्फ 15 लाख लोग हैं। सितंबर को देश के सबसे अमीर आदमी मुकेश अंबानी ने 31 दिसंबर तक फ्री डेटा, कॉल और एसएमएस देने की घोषणा की है। रिलांयस ने 50 रुपए प्रति जीबी डेटा देने की पेशकश की है। इसकी मौजूदा दरें 250 रुपए के आसपास हैं।
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