नयी दिल्ली। विनिवेश का लक्ष्य पाने के लिए जिस बीपीसीएल को सरकार बेचना चाहती है उसे दिसंबर तिमाही में तीन गुणा फायदा हुआ है। मोदी सरकार रिफॉर्म एजेंडे के तहत भारी कर्ज से दबी दो कंपनियों (एयर इंडिया और बीपीसीएल) की बिक्री सौदे के लिए मार्च 2020 में काम पूरा कर सकती है। इन दोनों कंपनियों पर करीब 58,000 करोड़ रुपए का कर्ज है। मोदी सरकार बीपीसीएल की बिक्री के माध्यम से विदेशी कंपनियों को भारत में रिफाइनरी कारोबार में एंट्री दे सकती है।
गौरतलब है कि सार्वजनिक क्षेत्र की देश की बड़ी सरकारी महारत्न तेल और गैस कंपनी भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) ने गुरुवार को दिसंबर तिमाही के परिणाम जारी किए। कंपनी ने कहा कि वर्ष की तीसरी तिमाही में उसका शुद्ध लाभ तीन गुणा के करीब बढ़कर 2,051.43 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। बीपीसीएल ने नियामकीय सूचना में इसकी जानकारी देते हुये कहा कि एक साल पहले अक्टूबर- दिसंबर तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 698.62 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी की कारोबार से परिचालन आय इस दौरान कम होकर 85,926.70 करोड़ रुपये रही जबकि अक्टूबर- दिसंबर 2018 में कंपनी की परिचालन आय 89,324.86 करोड़ रुपये रही।
बीपीसीएल ने कहा कि तेल रिफाइनिंग और ईधन विपणन कारोबार से कर पूर्व मुनाफा अक्टूबर-दिसंबर 2019 की तिमाही में बढ़कर 2,246.88 करोड़ रुपये पर पहुंच गया जो कि एक साल पहले इसी अवधि में 637.89 करोड़ रुपये रहा था। गौरतलह है कि, सरकार घरेलू ईंधन खुदरा कारोबार में बहुराष्ट्रीय कंपनियों को लाना चाहती है जिससे प्रतिस्पर्धा बढ़ाई जा सके।
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