नई दिल्ली। भारत में अक्षय ऊर्जा संसाधनों के क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं इनका दोहन करने के लिए रणनीतिक योजना के साथ-साथ प्रभावी क्रियान्वयन की आवश्यकता है। अक्षय ऊर्जा पर आयोजित तीन दिवसीय एक्सपो में यह मत उभरा है। ग्रेटर नोएडा में 7 से 9 सितंबर तक आयोजित 10वें अक्षय ऊर्जा एक्सपो में सौर, पवन और जैव ईंधन, लघु पनबिजली तथा ऊर्जा सक्षमता जैसे विभिन्न क्षेत्रों में कारोबारी संभावनाओं को प्रदर्शित किया गया। सौर ऊर्जा पैनल की सफाई के लिए बेहतर समाधान पेश करने वाली इकोपिया इस एक्सपो में प्रौद्योगिकी भागीदार रही है।
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इकोपिया के सीईओ और सह-संस्थापक इरान मेल्लर ने इस अवसर पर कहा कि यदि संयंत्र स्थापना के बाद के मुद्दों पर भी गौर किया जाता है तो भारत में सौर ऊर्जा क्षेत्र की विस्तार योजनाओं का काफी फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारत में ज्यादातर सौर ऊर्जा संयंत्र शुष्क बंजर क्षेत्रों में लगाए जा रहे हैं। इन क्षेत्रों में पानी की काफी कमी है। इन क्षेत्रों में पानी से सौर ऊर्जा पैनलों की सफाई का काम काफी कठिन हो जाता है। ऐसे में पैनल की सफाई के मुद्दे पर गौर नहीं करने से संयंत्रों का प्रदर्शन काफी कमजोर पड़ जाता है। इन मुद्दों का समाधान काफी महत्वपूर्ण है।
मेल्लर ने कहा कि ऐसे में पानी आधारित सफाई व्यवस्था के बजाये 100 फीसदी बिना पानी सफाई करने वाले रोबोटिक समाधान पर गौर करना बेहतर होगा। इससे लागत भी कम होगी और उत्पादकता बढ़ेगी। रोबोटिक सफाई की यह पूरी व्यवस्था सौर ऊर्जा आधारित है और प्रत्येक रोबोट का अपना सौर पैनल होता है, जो उसकी बैटरी को चार्ज करता रहता है।
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