मुंबई। डोमेस्टिक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कहा है कि अच्छी वर्षा से ग्रामीण क्षेत्र की मांग की स्थिति में सुधार होगा। यदि मनरेगा के तहत काम की मांग हल्की पड़ती है तो राज्यों और केन्द्र की वित्तीय स्थिति में भी सुधार आएगा। एजेंसी ने कहा कि खरीफ और गर्मी की फसल अधिक होने से महंगाई दर को कम करने में भी मदद मिलेगी।
इक्रा की वरिष्ठ अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि कृषि क्षेत्र की आय में बढ़ोतरी की उम्मीद से चालू वित्तवर्ष के सेकेंड हाफ में ग्रामीण मांग फिर से पुनर्जीवित हो सकती है। केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के वेतनमान और पेंशन में बढ़ोतरी के बाद खपत में भी वृद्धि हो सकती है। देर होने के बावजूद गुजरात और राजस्थान के कुछ हिस्सों को छोड़कर मानसून ने लगभग पूरे देश को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। जून में हुई कुल बरसात में 11 फीसदी की कमी थी लेकिन इक्रा ने कहा कि स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है।
मानसून की प्रगति तेज होने के साथ ही मुख्य तौर पर खरीफ की खेती का दायरा बढ़ने और तापमान में कमी के कारण जल्दी खराब होने वाले फल एवं सब्जियों के दाम नीचे आएंगे और खाद्य महंगाई दर में आएगी। इक्रा ने कहा है कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अमल में आने और निम्न ब्याज दरों के साथ अनुकूल मानसून से दोपहिया कंपनियों को फायदा पहुंचेगा। हालांकि चीनी वर्ष 2017 के दौरान चीनी उत्पादन में 4 से 8 फीसदी कमी रहने का अनुमान है क्योंकि पिछले साल महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में वर्षा कम होने से गन्ने का उत्पादन प्रभावित हुआ है।
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