नई दिल्ली। सुदूर क्षेत्रों, सीमावर्ती एवं तटवर्ती क्षेत्रों में सड़क निर्माण को गति देने के लिए सरकार ने अपनी महत्वकांक्षी भारतमाला परियोजना के तहत 2.67 लाख करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव किया है। कार्यक्रम को 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा संसद में आज पेश 2015-16 की आर्थिक समीक्षा के अनुसार, भारतमाला व्यापक योजना है और इस पर 2,67,200 करोड़ रुपए का खर्च अनुमानित है। समीक्षा के अनुसार सरकार तटवर्ती क्षेत्रों या सीमावर्ती इलाकों से लगे 7,000 किलोमीटर राज्य सड़कों के विकास पर 80,520 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसके अलावा पिछड़े क्षेत्रों, धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों को जोड़ने वाली 7,000 किलोमीटर सड़कों के निर्माण पर 85,250 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव है।
समीक्षा के अनुसार सेतुभारतम परियोजना पर 30,000 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव किया गया है। इस परियोजना के तहत करीब 1,500 बड़े पुल, 200 सड़कों के ऊपर पुल और पुलों के नीचे सड़क का निर्माण किया जाएगा। भारतमाला के अलावा सरकार ने कहा है कि नक्सली हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में 1,177 किलोमीटर राजमार्ग तथा 4,276 किलोमीटर राज्य सड़कों का विकास किया जाएगा। इस पर 7,300 करोड़ रुपए का खर्च अनुमानित है।
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