नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के प्रबंध निदेशक (एमडी) अर्जित बासु ने आज कहा कि ब्रिटिश अदालत द्वारा ब्रिटेन के अधिकारियों को भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या की लंदन स्थित संपत्तियों की जांच और जब्ती के आदेश के बाद भारतीय बैंक यूके अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा रिकवरी की जा सके।
उन्होंने कहा कि हम अदालत के आदेश से बहुत खुश हैं और इस तरह के आदेश के साथ हम अब लंदन स्थित संपत्तियों से भी रिकवरी करने में सक्षम होंगे। रिकवरी की कोई निश्चित राशि बताए बगैर उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि हम अपने पैसे का एक अच्छा-खासा हिस्सा रिकवर कर लेंगे।
उन्होंने बताया कि यूके प्रवर्तन आदेश एक अंतरराष्ट्रीय जब्ती आदेश है और भारतीय बैंक अपना संपूर्ण कर्ज वसूलने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बैंक ब्रिटेन के अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और उन्होंने एक मूल्यांकनकर्ता को भी नियुक्त किया है।
एसबीआई उन 13 बैंकों के कंसोर्टियम का नेतृत्व कर रहा है, जिसने माल्या की अब बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज दिया था। भारत में रिकवरी के बारे में पूछे जाने पर बासु ने कहा कि कंसोर्टियम ने अबतक माल्या की भारतीय संपत्तियों की नीलामी से 963 करोड़ रुपए की वसूली की है।
हाल ही में, यूके हाईकोर्ट जज ने 13 भारतीय बैंकों के कंसोर्टियम के पक्ष में एक प्रवर्तन आदेश जारी किया है, जो शराब कारोबारी विजय माल्या से अपना धन वसूलने की कोशिश में लगे हुए हैं। वहीं विजय माल्या अपने ऊपर लगे 9000 करोड़ रुपए के घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के साथ ही भारत में प्रत्यार्पण के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।
यूके हाईकोर्ट ने ब्रिटिश अधिकारियों और उनके एजेंट्स को टेविन,वेलविन स्थित लैडीवॉक और ब्रांबले लॉज में घुसने, तलाशी लेने और माल्या से संबंधित संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद अब बैंकों के पास लगभग 1.145 अरब पौंड की राशि रिकवर करने के लिए इस आदेश का उपयोग करने का भी विकल्प होगा।
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