नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र की उस अधिसूचना की वैधता को बरकरार रखा, जिसमें बैंकों को दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के तहत ऋण वसूली के लिए व्यक्तिगत गारंटरों के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुमति दी गई थी। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट की पीठ ने कहा कि आईबीसी के तहत समाधान योजना की मंजूरी से बैंकों के प्रति व्यक्तिगत गारंटरों की देनदारी खत्म नहीं हो जाती।
न्यायमूर्ति भट ने फैसले के निष्कर्ष को पढ़ते हुए कहा, ‘‘फैसले में हमने अधिसूचना को बरकरार रखा है।’’ याचिकाकर्ताओं ने आईबीसी और अन्य प्रावधानों के तहत जारी 15 नवंबर 2019 की अधिसूचना को चुनौती दी थी, जो कॉरपोरेट देनदारों को व्यक्तिगत गारंटी देने वालों से संबंधित हैं। अधिसूचना की वैधता को बरकरार रखते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि किसी कंपनी के लिए दिवालिया समाधान योजना शुरू होने से व्यक्तियों द्वारा वित्तीय संस्थानों के बकाया भुगतान के प्रति दी गई कॉरपोरेट गारंटी खत्म नहीं होती।
SBI खाते से भी कटे हैं 147.50 रुपये?
यदि आपका खाता भी भारतीय स्टेट बैंक में है और आपके पास भी पैसे कटने का मैसेज आया है तो यह खबर आपके लिए ही है। इन दिनों लोगों के एसबीआई खाते से करीब 147.50 रुपये काटने के मैसेज आ रहे हैं। लोग परेशान हैं कि यह मैसेज क्यों भेजे जा रहे हैं। लोग यह मैसेज लेकर बैंक की ब्रांच भी पहुंच रहे हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा हुआ है तो आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है। बैंक ने खुद ही इसके बारे में लोगों को सूचित किया है। बैंक के अनुसार ये पैसे एसबीआई की ओर से ही डेबिट किए जा रहे हैं। बैंक एटीएम यानी डेबिट कार्ड के लिए मैनेटिनेंस चार्ज काटता है। यह चार्ज हर साल बैंक की ओर से ग्राहकों के खातों से काटे जाते हैं। बैंक ने खुद ट्विटर हैंडल पर इसकी जानकारी दी है और बताया है कि बैंक की ओर से चार्ज के रूप में 147.50 रुपये काटे जाते हैं।
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