नई दिल्ली। देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ-साथ निजी बैंकों द्वारा 100 फीसदी इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत तीन अगस्त तक कोरोना वायरस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को 1.38 लाख करोड़ रुपए कर्ज की मंजूरी दी गई है। यह जानकारी वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय द्वारा किए गए एक ट्वीट से मिली है।
इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) के तहत सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम यानी एमएसएमई सेक्टर की नकदी की समस्या का समाधान प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करना चाहती है। बैंकों द्वारा ईसीएलजीएस के तहत मंजूर किए गए कुल ऋण में से 92,090.24 करोड़ रुपए का कर्ज आवंटित किया जा चुका है। बीते 18-20 दिनों के दौरान कर्ज को मंजूरी प्रदान करने में बड़ी तेजी आई है, जब इसमें करीब 15,000 करोड़ रुपए की वृद्धि हुई और कर्ज बांटने में करीब 25,000 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ है।
वित्तमंत्री के कार्यालय ने एक ट्वीट में बताया कि तीन अगस्त 2020 तक 100 फीसदी इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत पीएसबी और प्राइवेट बैंकों द्वारा मंजूर किए गए कर्ज की राशि 1,37,586.54 करोड़ रुपए है, जिसमें से 92,090.24 करोड़ रुपए पहले ही बांटे जा चुके हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा 72,820.26 करोड़ रुपए कर्ज की मंजूरी दी गई है, जिनमें से 52,013.73 करोड़ रुपए का वितरण हो चुका है। इसी प्रकार निजी बैंकों द्वारा 64,766.28 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है, जिनमें से 40,076.52 करोड़ रुपए का वितरण हो चुका है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज में वित्तमंत्री ने जिन स्कीमों की घोषणा की उनमें सबसे बड़े वित्तीय घटक के तौर पर ईसीएलजीएस है। आत्मनिर्भर पैकेज के तहत सरकार ने एमएसएमई और छोटे कारोबारियों के लिए तीन लाख करोड़ रुपए अतिरिक्त कर्ज देने की योजना की घोषणा की है।
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