मुंबई। ठप पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस कंपनी के प्रमोटर विजय माल्या के लोन सैटलमेंट प्रपोजल को बैंकों ने ठुकरा दिया है। इसके अलावा बैंकों के कंसोर्टियम ने माल्या के देश में उपस्थित होने की मांग की है, जिससे यह साबित हो कि वह बकाया भुगतान के बारे में गंभीर हैं। दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या और किंगफिशर से कहा कि वे अपनी कुल परिसंपत्ति का खुलासा करें। पिछले हफ्ते एयरलाइन और माल्या ने सुप्रीम कोर्ट में प्रस्ताव देकर भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले 17 बैंकों के कंसोर्टियम को सितंबर तक 4,000 करोड़ रुपए के भुगतान की पेशकश की थी।
कोर्ट ने माल्या को 21 अप्रैल तक की दी मोहलत
सुप्रीम कोर्ट ने माल्या से कहा कि 21 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करें और संकेत दें कि वह अपनी प्रामाणिकता साबित करने के लिए कितनी राशि न्यायालय में जमा कर सकते हैं। अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी। वहीं, विभिन्न बैंकों ने कहा कि वे कंपनी से बेहतर पेशकश चाहते हैं। कर्ज के भुगतान की पेशकश सुप्रीम कोर्ट में माल्या, किंगफिशर एयरलाइंस, यूनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग्स तथा किंगफिशर फिनवेस्ट इंडिया ने की थी। माल्या और किंगफिशर एयरलाइंस पर बैंकों के गठजोड़ का 9,000 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है। अकेले एसबीआई को ही कंपनी से 1,600 करोड़ रुपए से अधिक वसूलने हैं। न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ और आर एफ नरीमन की पीठ ने माल्या और उनकी कंपनियों को 21 अप्रैल तक अपना जवाब सौंपने के लिए कहा है। पीठ ने 20 मिनट की संक्षिप्त सुनवाई के बाद अगली तारीख 26 अप्रैल तय की।
बैंक के पास है मौका
17 बैंकों ने 6,963 करोड़ से ज्यादा का लोन माल्या को दिया था। इंटरेस्ट के बाद टोटल लायबिलिटी 9091 करोड़ रुपए हो चुकी है। इसलिए 5500 करोड़ रुपए की माल्या की फ्री एसेट्स को बैंक टारगेट कर सकते हैं। अगर माल्या कोऑपरेट नहीं करते तो उनकी एसेट्स कोर्ट ऑर्डर के जरिए सीज की जा सकती हैं। बैंकें अब तक यूनाइटेड स्पिरिट्स के 1244 करोड़ रुपए के शेयर्स बेच चुकी हैं। यूनाइटेड ब्रेवरीज में माल्या के 6724 करोड़ रुपए के शेयर्स हैं। इसमें से 3496 करोड़ रुपए के शेयर्स बैंकों को मिल सकते हैं।
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