नई दिल्ली। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पेट्रोल पंपों पर डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिए पेट्रोल-डीजल खरीदने पर सौदा शुल्क बैंक व तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) वहन करेंगी।
प्रधान ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि,
फैसला पूरी तरह स्पष्ट है। मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) का बोझ ग्राहकों पर नहीं डाला जाएगा। इसके साथ ही ईंधन खुदरा बिक्री केंद्र (पेट्रोल पंप) भी इसके दायरे में नहीं आएंगे। अब यह बैंकों व ओएमसी पर है कि वे इसे किस तरह वहन करते हैं।
- इस मुद्दे पर वित्तीय सेवा विभाग ने यहां बैठक बुलाई थी।
- बैठक के बाद प्रधान ने कहा, यह एक वाणिज्यिक फैसला है और बैंकों व ओएमसी को ही इसे निपटाना होगा।
- एमडीआर एक शुल्क है, जो कि बैंक क्रेडिट व डेबिट कार्ड से भुगतान पर मर्चेंट पर लगाते हैं।
- यह शुल्क ग्राहक से वसूला जाता है कि लेकिन नोटबंदी के बाद सरकार ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए इसे 30 दिसंबर 2016 तक माफ कर दिया था।
- इसके बाद बैंकों ने एमडीआर का बोझ पेट्रोल पंप संचालकों पर डालने का फैसला किया, क्योंकि सरकार के निर्देशों के चलते वे कार्ड के जरिए भुगतान करने वाले ग्राहकों पर कोई और बोझ नहीं डाल सकते।
- पेट्रोल पंप मालिकों ने धमकी दी थी कि वे कार्ड से भुगतान लेना बंद करेंगे, जिसके बाद सरकार ने समझौते की राह निकाली।
तस्वीरों में देखिए क्या होता है जब क्रूड ऑयल एक डॉलर महंगा हो जाता है
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- प्रधान ने कहा कि बैंक व तेल कंपनियां विचार विमर्श करती रहेंगी कि इस शुल्क को कौन व किस हिस्से में वहन करेगा।
- मंत्री ने कहा, एमडीआर शुल्क आरबीआई के 16 दिसंबर के दिशा-निर्देशों के हिसाब से ही लगाए जाएंगे।
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