नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बैंकों को अपनी विश्वसनीयता बहाल करनी चाहिए और समाज के लिए काम करना चाहिए क्योंकि करदाता उन्हें चलाने के लिए त्याग कर रहे हैं।
जेटली ने कहा कि करदाताओं के धन को बीमार बैंकिंग प्रणाली में लगाया जा रहा है और मजबूत अर्थव्यवस्था की दिशा में आगे बढ़ने में मदद के लिए हालत सुधारने हेतु अब जिम्मेदारी इस क्षेत्र की है। मंत्री ने यहां यूको बैंक के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बैंकिंग प्रणाली के लचीलेपन की परीक्षा हो रही है और यह क्षेत्र कई चुनौतियों से गुजर रहा है।
जेटली ने कहा कि भारत कई ढांचागत सुधार करने वाली एकमात्र अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि हम लगातार तीन वर्ष से सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक हैं, हम विश्व की सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हैं और हम विश्व की ऐसी एकमात्र अर्थव्यवस्था हैं जिसने ढांचागत सुधार करने का साहस दिखाया है।
पुनर्पूंजीकरण के निर्णय से सुधरी बैंकों की ऋणवृद्धि
सार्वजनिक बैंकों के पुनर्पूंजीकरण की पहल से उनके ऋण वृद्धि में उछाल आया है। यह देश में निजी क्षेत्र के निवेश में सुधार का सूचक है। वित्त मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने यह कहा। वित्तीय सेवाओं के सचिव राजीव कुमार ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में दिसंबर 2017 में सालाना आधार पर दहाई अंकों में वृद्धि हुई है।
कुमार ने ट्वीट कर कहा कि ऋण वृद्धि में तेजी: सार्वजनिक बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के निर्णय से आया सुधार, बैंकिंग क्षेत्र में सालाना आधार पर दिसंबर 2017 में दहाई अंकों (10.7प्रतिशत) में हुई वृद्धि। उल्लेखनीय है कि संसद ने इस सप्ताह की शुरुआत में सार्वजनिक बैंकों के लिए 80 हजार करोड़ रुपए के पुनर्पूंजीकरण बांड जारी करने को मंजूरी दी है।
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