नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नीतिगत दर में वृद्धि करने के अगले ही दिन बैंकों ने ब्याज दर बढ़ाना शुरू कर दिया। इससे आवास, वाहन तथा कारोबार के लिए कर्ज महंगे होंगे।
सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन बैंक तथा करूर वैश्य बैंक ने एमसीएलएआर में 0.10 प्रतिशत वृद्धि की है। शेयर बाजारों को यह सूचना दी गई है। सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन बैंक ने तीन महीने से पांच साल की अवधि के कर्ज पर एमसीएलआर में 0.1 प्रतिशत की वृद्धि की है। इसी प्रकार करूर वैश्य बैंक ने भी छह महीने और एक साल की अवधि के कर्ज पर ब्याज दर में इतनी ही वृद्धि की है।
रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर (मुख्य नीतिगत दर) बढ़ाए जाने की आशंका में भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक तथा एचडीएफसी बैंक जैसे कुछ बड़े बैंक पहले ही कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) बढ़ा चुके हैं। चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका में कल रेपो दर 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दी। पिछले साढ़े चार साल में पहली बार रेपो रेट में वृद्धि की गई है।
बैंक आफ महाराष्ट्र ने भी ब्याज दर बढ़ाने का संकेत दिया है। बैंक के प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी आर पी मराठे ने कहा कि रेपो दर में वृद्धि से बैंक के ब्याज दर में मामूली वृद्धि की संभावना है।
केंद्रीय बैंक ने खुदरा मुद्रास्फीति के चालू वित्त वर्ष के अनुमान में बदलाव किया है। पहली छमाही के लिए इसे कुछ बढ़ाकर 4.8- 4.9 प्रतिशत किया गया है, जबकि दूसरी छमाही के दौरान इसके 4.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जो कि उसके पहले लगाए गए अनुमान से ज्यादा है।
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