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Hindi News पैसा बिज़नेस बैंकों के द्वारा दस लाख करोड़ रुपये के कर्जों के पुनर्गठन का अनुमान

बैंकों के द्वारा दस लाख करोड़ रुपये के कर्जों के पुनर्गठन का अनुमान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह ही बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को कोविड-19 के कारण संकटग्रस्त खातों के कर्ज का एक बार के लिए पुनर्गठन करने की योजना जल्द शुरू करने के कहा था

<p>10 लाख करोड़ रुपये के...- India TV Paisa Image Source : GOOGLE 10 लाख करोड़ रुपये के लोन रिस्ट्रकचरिंग का अनुमान 

नई दिल्ली। बैंकिग क्षेत्र के अधिकारियों का अनुमान है कि कोविड-19 महामारी की मार से प्रभावित वर्तमान दौर में बैंक दस लाख करोड़ रुपये से अधिक के कर्जों का पुनगर्ठन कर सकते हैं। इनमें से ज्यादातर कर्ज विमानन, व्यावसायिक अचल सम्पत्ति और होटल कारोबार जैसे पांच-छह अधिक प्रभावित व्यावसायिक क्षेत्र की इकाइयों के होंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह ही बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को कोविड-19 के कारण संकटग्रस्त खातों के कर्ज का एक बार के लिए पुनर्गठन करने की योजना शुरू करने की अपील की थी। उन्होंने बैंकों से यह काम 15 सितंबर तक चालू करने को कहा था। सावर्जनिक क्षेत्र के एक बैंक के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इस तरह की योजना बैंक और कर्जदार दोनों के लिए लाभदायक है। उसने कहा कि इससे एक तरह कंपनियां अपने कारोबार को एनपीए घोषित होने से बचा सकेंगी, दूसरे बैंकों को पुनर्गठित कर्ज के एवज में कम पूंजी का प्रावधान करना पड़ेगा।

बैंकों को पुनर्गठन करने पर उस सम्पत्ति के केवल 10 प्रतिशत के बराबर धन का प्रावधान करना पड़ेगा, जबकि एनपीए होने पर यह प्रावधान शुरू में ही 15 प्रतिशत करना होता है। अधिकारी ने कहा कि इस पांच प्रतिशत का फायदा बैंकों को ऋण पुनर्गठन के लिए प्रेरित करेगा। अधिकारी ने कहा कि इस लाभ को देखते हुए 12-15 प्रतिशत कर्ज का पुनर्गठन किए जाने की संभावना दिखती है। उल्लेखनीय है कि बैंकिग प्रणाली में इस समय बैंकों का कुल बकाया कर्ज 100 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर है। एक अन्य बैंक अधिकारी ने कहा कि कुल 30 प्रतिशत कर्ज पर किस्त जमा करने की मोहलत का लाभ लिया गया है। इसमें से करीब आधे कर्ज पुनगर्ठन के लिए आ सकते हैं। किस्त-वसूली पर स्थगन की अवधि 31 अगस्त को समाप्त हो चुकी है।

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