नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (GST) के क्रियान्वयन में अब एक माह से भी कम का समय बचा है। वहीं भारतीय बैंक संघ (IBA) ने एक संसदीय समिति को सूचित किया है कि बैंक अभी नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के क्रियान्वयन के लिए पूरी तरह तैयार नहीं हैं। IBA ने वित्त पर संसद की स्थायी समिति से कहा, चूंकि GST को एक जुलाई, 2017 से लागू किया जाना है ऐसे में बैंकों को अपनी प्रणालियों तथा प्रक्रियाओं में काफी बदलाव करना होगा। जीएसटी को एक जुलाई 2017 से लागू करने की बैंकों की तैयारियों पर सवालिया निशान लगा हुआ है।
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IBA ने कहा कि बैंकों की ग्राहकों के लिए काफी सेवाएं केंद्रीयकृत हैं, जबकि कुछ अन्य स्थानीयकृत हैं। बैंकों को अपने मौजूदा ढांचे में व्यापक बदलाव करने होंगे, जो बैंकों के लिए काफी बड़ी चुनौती होगी। संघ ने कहा कि उसने केंद्रीय पंजीकरण का मामला उठाया है।
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GST को आजादी के बाद का सबसे बड़ा कराधान सुधार माना जा रहा है। केंद्रीय उत्पाद, सेवा कर, वैट और अन्य स्थानीय शुल्क इसमें समाहित हो जाएंगे। माना जा रहा है कि इस नए अप्रत्यक्ष बिक्री कर से GDP की वृद्धि दर में दो प्रतिशत का इजाफा होगा और इससे कर चोरी पर अंकुश लगेगा।
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