मुंबई। होम और ऑटो लोन की EMI घटने का इंतजार कर रहे आम लोगों को एक दिन में दो झटके लगे हैं। मंगलवार सुबह आरबीआई ने क्रेडिट पॉलिसी में कोई बदलाव न कर महंगाई की मार झेल रहे आम लोगों को झटका दिया। वहीं बैंकों द्वारा फिलहाल कर्ज की ब्याज दरों में कटौती न करने के बयान ने रही बची कसर भी पूरी कर दी।
तस्वीरों में देखिए विभिन्न बैंकों की एफडी दरें
bank FD for one to two years
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देश के बैंकों के प्रमुखों ने ब्याज दरों में तत्काल कटौती से इनकार किया और कहा कि कर्ज वृद्धि में तेजी आने पर ही ब्याज दरें कम होंगी। भारतीय स्टेट बैंक की चेयरपर्सन अरूधंती भट्टाचार्य ने मौद्रिक नीति में कोई बदलाव नहीं होने को बाजार की उम्मीद के अनुरूप बताया और कहा, हमारा मानना है कि ऋण वृद्धि में तेजी आने के साथ अगले कुछ महीनों में ब्याज दर में कटौती का लाभ मिलेगा।
वहीं दूसरी ओर आईसीआईसीआई बैंक की चंदा कोचर ने नरम नीतिगत रूख के साथ पर्याप्त नकदी सुनिश्चित करने के उपायों को लेकर रिजर्व बैंक का स्वागत किया। बैंक आफ इंडिया के मेलविन रेगो ने कहा कि लगातार नरम रूख तथा नकदी का आश्वासन स्वागत योग्य कदम है।
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यस बैंक के राणा कपूर ने आने वाले महीनों में नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद जतायी। उन्होंने कहा कि अनुकूल मानसून तथा सरकार द्वारा संरचनात्मक नीतिगत सुधारों से मुद्रास्फीति में वृद्धि की रफ्तार मंद होगी और इससे चालू वित्त वर्ष में नीतिगत दर में 0.5 से 1.0 प्रतिशत तक की कटौती की उम्मीद है।
कोटक महिंद्रा बैंक की शांति एकाबरम ने भी इसी प्रकार की राय जाहिर करते हुए कहा कि मुद्रास्फीति का जोखिम बना हुआ है लेकिन वैश्विक स्तर पर नकदी में नरमी, घरेलू स्तर पर पर्याप्त नकदी जैसे सकारात्मक कारक चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में ब्याज दर में कटौती के संकेत देते हैं।
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