A
Hindi News पैसा बिज़नेस बैंक हड़ताल पहला दिन: 23 हजार करोड़ के चेक अटके, एटीएम खाली होने से लोग परेशान

बैंक हड़ताल पहला दिन: 23 हजार करोड़ के चेक अटके, एटीएम खाली होने से लोग परेशान

वेतन वृद्धि की मांग को लेकर बैंक कर्मियों की देश भर में शुक्रवार से शुरू हुई दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन यानी शुक्रवार को बड़े पैमाने पर बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हुईं।

Bank Strike, Bank strike impact, cheques clearance, AIBEA, UFBU- India TV Paisa Image Source : PTI Bank Strike

नई दिल्ली। बैंक कर्मचारियों की देशव्यापी दो दिवसीय हड़ताल के चलतेसार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नकद निकासी, जमा और चेक समाशोधन समेत विभिन्न सेवाएं प्रभावित हुई। बैंक कर्मचारियों के संगठन वेतन वृद्धि की मांग को लेकर 31 जनवरी से दो दिन की हड़ताल पर हैं। ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयज एसोसिएशन ने दावा किया कि हड़ताल के पहले दिन करीब 23,000 करोड़ रुपये मूल्य के 31 लाख चेक का समाशोधन नहीं हो पाया। देश के विभिन्न भागों में बैंक शाखाएं बंद होने से नकद जमा, निकासी, चेक समाशोधन, कर्ज वितरण जैसी सेवाओं पर असर पड़ा है। कई बैंक के एटीएम खाली पाये गये। इससे लोगों को माह के अंतिम दिन परेशानी का सामना करना पड़ा।

ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयज एसोसिएशन (एआईबीईए) के महासचिव सी. एच. वेंकटचलम ने कहा, हड़ताल के कारण मुंबई, चेन्नई और दिल्ली में करीब 23,000 करोड़ रुपए मूल्य के 31 लाख चेक का समाशोधन नहीं हो पाया। अधिकांश बैंक शाखाएं बंद रहीं। नकद जमा या निकासी नहीं की जा सकी। उल्लेखनीय है कि बैंक रविवार समेत लगातार तीन दिन बंद रहेंगे। ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) के एक शीर्ष नेता ने कहा कि देश में बैंकिंग कामकाज काफी हद तक प्रभावित हुई हैं, क्योंकि बैंककर्मी वेतन वृद्धि सहित अन्य कई मांगों को लेकर दो दिवसीय हड़ताल पर हैं। 

सरकारी बैंकों की हड़ताल ऐसे समय हो रही है जब बजट सत्र शुरू हो गया है और शनिवार (1 फरवरी 2020) को वित्त वर्ष 2020-21 का आम बजट पेश किया जाना है। बता दें कि, बैंकिंग क्षेत्र में नौ यूनियनों के निकाय यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने 31 जनवरी और एक फरवरी को हड़ताल का आह्वान कर रखा है। वेंकटचलम ने कहा, "जो रिपोर्ट अभी तक हमारे पास पहुंची है, उसके अनुसार, देश भर में मुख्य रूप से तमिलनाडु, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक, केरल, बिहार आदि राज्य बहुत प्रभावित हुए हैं।"

गौरतलब है कि, बैंकरों ने उस दो दिनों में हड़ताल बुलाई है, जब आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अपना दूसरा बजट पेश करेंगी। वेंकटचलम ने कहा कि नवंबर 2017 से बैंकों में वेतन संशोधन की प्रक्रिया (वेजेज रिवीजन सेटलमेंट) अधूरी है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में आखिरी प्रक्रिया अक्टूबर 2017 में खत्म हुई थी।

उन्होंने बताया कि 30 जनवरी को मुंबई में प्रबंधन और बैंक यूनियनों के बीच आयोजित बैठक में अंतिम मिनट पर भी चर्चा की गई थी, मगर इसमें उनके मुद्दों को नहीं उठाया गया। इसलिए यूनियनों ने 31 जनवरी और एक फरवरी को दो दिन की हड़ताल के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया।

एटीएम में नकदी न होने से लोग परेशान

शुक्रवार (31 जनवरी 2020) व शनिवार (01 फरवरी 2020) को हड़ताल के बाद रविवार को भी बैंकों की छुट्टी रहेगी, जिससे आम लोगों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। लगातार तीन दिन तक बैकिंग काम में बाधा आने से उपभोक्ताओं को काफी दिक्क्तों का सामना कर पड़ रहा है। बैंक हड़ताल होने से सबसे ज्यादा परेशानी एटीएम में देखने को मिल रही है क्योंकि हड़ताल की वजह से एटीएम में नकदी नहीं डाली गई है, जिससे आम उपभोक्ता काफी परेशान हो रहे हैं।

मध्यप्रदेश में एटीएम में नहीं डाली गई नकदी

मध्यप्रदेश बैंक एम्प्लॉयीज एसोसिएशन (एमपीबीईए) के सचिव एमके शुक्ला ने बताया, "हड़ताल के कारण सूबे में सरकारी बैंकों, निजी क्षेत्र के पुराने वाणिज्यिक बैंकों और अन्य क्षेत्रों के बैंकों की कुल 7,428 शाखाओं में से लगभग 7,000 शाखाओं में काम ठप है। उन्होंने बताया कि राज्य में बैंक हड़ताल में कुल 32,000 में से 31,000 अधिकारी-कर्मचारी हिस्सा ले रहे हैं। इससे बैंक शाखाओं में धन जमा करने और निकालने के साथ चेक निपटान, सावधि जमा (एफडी) योजनाओं का नवीनीकरण, सरकारी खजाने से जुड़े काम और अन्य नियमित कार्य प्रभावित हो रहे हैं। शुक्ला ने दावा किया कि बैंक हड़ताल से राज्य के करीब 9,700 एटीएम में नकदी डालने का काम भी प्रभावित हो रहा है। हालांकि, राज्य में आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक जैसे निजी क्षेत्र के कुछेक बैंकों की शाखाएं खुली हैं।

तेलंगाना में हड़ताल की दिखा ऐसा असर

तेलंगाना में सार्वजिनक क्षेत्र के बैंकों में हड़ताल के कारण कामकाज ठप रहा। दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन यहां सार्वजनिक बैंकों के अधिकारियों समेत 60,000 कर्मचारी कार्य से विरत रहे। अखिल भारतीय कर्मचारी संगठन (एआईबीईए) के राष्ट्रीय सचिव बी एस रामबाबू ने बताया, 'कुछ निजी बैंकों को छोड़कर, ग्रामीण बैंक, सहकारी बैंक समेत तेलंगाना में सभी बैंको के कर्मचारियों ने हड़ताल में हिस्सा लिया।'

राजस्थान में करीब 10 हजार करोड़ रुपए का बैंकिंग लेन-देन हुआ प्रभावित

उधर, राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल के समर्थन में राजस्थान के सरकारी बैंकों के यूनियन नेताओं ने दावा किया कि विभिन्न मांगों को लेकर राज्य के करीब 30,000 कर्मचारी और अधिकारी शुक्रवार को हड़ताल पर रहे। इससे करीब 10 हजार करोड़ रुपए का बैंकिंग लेन-देन प्रभावित हुआ। भारतीय बैंक संघ के साथ वेतन समझौता वार्ता असफल होने के बाद जयपुर सहित राजस्थान के बैंक कर्मियों ने हड़ताल का बिगुल फूकते हुए काम बंद किया। राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल के समर्थन में आज राजधानी में चपरासी से लेकर के सहायक महाप्रबंधक तक सैकड़ों बैंककर्मी सुबह अंबेडकर सर्किल के पास इलाहाबाद बैंक के सामने एकत्रित हुए और आईबीए के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। 

बता दें कि, प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगों में वेतन समझौता शीघ्र किए जाने, बैंकों में 5 दिन का सप्ताह किए जाने, विशेष भत्ते को मूल वेतन में जोड़ने, पेंशन में सुधार किए जाने, पारिवारिक पेंशन में इजाफा करने, सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाले समूचे परिलाभों पर आयकर से छूट दिए जाने, लीव बैंक का गठन करने तथा अधिकारियों के लिए काम के घंटे नियत करना आदि शामिल हैं।

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के संयोजक और ऑल इंडिया बैंक एम्पलाईज एसोसिएशन के नेता महेश मिश्रा ने एक बयान में दावा करते हुए कहा कि आज की हड़ताल से प्रदेश में 10,000 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ। वेतन समझौते के लिए कर्मचारी घंटों तक आईबीए के खिलाफ नारे लगाते रहे। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों की विभिन्न मांगों के संबंध में प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन राज्यपाल के सचिव को सौंपा गया। मिश्रा ने बताया कि कल हड़ताली कर्मचारी प्रातः साढ़े 10 बजे इलाहाबाद बैंक के सामने एकत्रित होंगे जहाँ प्रदर्शन एवं सभा आयोजित की जाएगी। (इनपुट- भाषा/पीटीआई/आईएएनएस)

Latest Business News