नई दिल्ली। अभी पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी का मामला सुलझा भी नहीं था बैंक ऑफ महाराष्ट्र में एक और धोखाधड़ी का वाकया सामने आया है। पुणे पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EoW) ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी (MD & CEO) रविंद्र मराठे के साथ-साथ बैंक के कार्यकारी निदेशक आरके गुप्ता को डीएसके ग्रुप के 3000 करोड़ रुपए के लोन डिफॉल्ट मामले में गिरफ्तार किया है। इस मामले में बैंक के पूर्व सीएमडी सुशील मुनोत की गिरफ्तारी भी जयपुर से की गई है।
पुणे आर्थिक अपराध शाखा द्वारा लगाए गए आरोप के मुताबिक गिरफ्तार किए गए सभी आधिकारियों ने डीएसके ग्रुप के लोन को पारित करने के मामले में धोखाधड़ी की है। गिरफ्तार किए गए सभी लोगों पर धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक षड्यंत्र रचने, और दूसरों के बीच विश्वास का आपराधिक उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।
इससे पहले पुणे स्थित बिल्डर डीएस कुलकर्णी और उनकी पत्नी को फरवरी में 4000 निवेशकों से 1,154 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में गिफ्तार किया गया था। आर्थिक अपराध शाखा के अधिकारी ने बयान में कहा है कि बैंक अधिकारियों ने डीएसके डेवलपर्स के साथ मिलीभगत कर अपने अधिकारों और अथॉरिटी का गलत इस्तेमाल करते हुए गलत तरीके से इस लोन को पास कराया है।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र के वर्तमान और पूर्व अधिकारियों के अलावा पुलिस ने डीएसके ग्रुप के दो लोगों को अरेस्ट किया है। पिछले महीने महाराष्ट्र सरकार ने नोटिस जारी किया था, जिसमें 124 प्रॉपर्टी, 276 बैंक अकाउंट और कुलकर्णी की 46 गाड़ियों को अटैच करने को कहा गया था। इस नोटिस में कुलकर्णी की पत्नी और डीएसके ग्रुप के अन्य अधिकारियों को भी शामिल किया गया था।
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