नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) ने ऋण सूचना कंपनी ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड में अपनी पूरी पांच प्रतिशत हिस्सेदारी 190.62 करोड़ रुपए में बेच दी है। ट्रांसयूनियन इंटरनेशनल इंक ने इस हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है।
बैंक ऑफ इंडिया ने नियामकीय सूचना में कहा है कि बैंक ने ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड में अपनी पूरी पांच प्रतिशत हिस्सेदारी (12.50 लाख शेयर) ट्रांसयूनियन इंटरनेशनल इंक (टीयूआई) को बेच दी। यह सौदा 1,525 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से कुल 190.62 करोड़ रुपए में 22 मार्च को पूरा हो गया।
एनपीए के बोझ से दबे बैंक ऑफ इंडिया अपने प्रॉफिट को बढ़ाने के लिए नॉन-कोर बिजनेस को बेचने की कोशिश कर रहा है और यह ताजा कदम इसी के अनुरूप है। इस बिक्री के बाद ट्रांसयूनियन इंटरनेशनल की हिस्सेदारी बढ़कर 87.1 प्रतिशत हो गई है। बाकी हिस्सेदारी यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आदित्य बिड़ला ट्रस्टी कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, इंडिया अल्टरनेटिव्स प्राइवेट इक्विटी फंड और इंडिया इंफोलाइन फाइनेंस लिमिटेड के पास है।
सिबिल की शुरुआत अगस्त 2000 में हुई थी। यह बैंकों और ट्रांस यूनियन के बीच एक संयुकत उद्यम के रूप में शुरू हुआ था। बाद में भारतीय स्टेट बैंक और एचडीएफसी सहित बैंकों ने इसमें अपनी हिस्सेदारी ट्रांस यूनियन को बेच दी।
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