मुंबई। अर्थव्यवस्था में नरमी, कम मांग तथा बैंकों के समक्ष जोखिम आने से वित्त वर्ष 2019-20 में बैंकों के वितरित ऋण की वृद्धि दर पिछले पांच दशक में सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुकी है। रिजर्व बैंक आंकड़ों के मुताबिक यह ऋण वृद्धि 6.14 प्रतिशत रही है।
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले वित्त वर्ष 1961-62 में बैंकों की वितरित ऋण की वृद्धि दर 5.38 प्रतिशत रही थी। आंकड़ों के अनुसार, 2019-20 में 27 मार्च तक बैंकों का वितरित ऋण 103.71 लाख करोड़ रुपए रहा, जबकि यह 29 मार्च 2019 को 97.71 लाख करोड़ रुपए रहा था।
फिच रेटिंग्स के निदेशक (वित्तीय संस्थान) शाश्वत गुहा ने कहा कि आलोच्य वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था सुस्त रही है, जिसके कारण मांग पर असर पड़ा है। इसके अलावा बैंकों के समक्ष जोखिम भी अधिक रहे हैं।
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