‘वापस 67 रुपए पर आ सकता है डॉलर का भाव, रुपए का बुरा दौर खत्म होता दिख रहा है’
16 अगस्त को डालर की दर पहली बार 70 रुपए के पार चली गयी थी
नई दिल्ली। विदेशी विनिमय बाजार में इस साल बड़ा नुकसान झेल चुके रुपए के लिए बुरा दौर खत्म हो गया दिखता है और यह दिसंबर तक फिर से मजबूत होकर प्रति अमेरिकी डालर 67-68 के दायरे में आ सकता है। HDFC बैंक के एक अर्थशास्त्री ने यह अनुमान जताया है। उल्लेखनीय है कि कच्चे तेल के दाम में उछाल तथा प्रमुख मुद्राओं के समक्ष अमेरिकी डालर की मजबूती से भारत के चालू खाते के बढ़ने की चिंताओं के बीच रुपए पर दबाव बढ़ गया था। 16 अगस्त को डालर की दर पहली बार 70 रुपए के पार चली गयी थी।
HDFC बैंक की अर्थशास्त्री (भारत) साक्षी गुप्ता ने कहा कि बाजार में बहुत उतार चढ़ाव होने के कारण कुछ एक घटनाएं अब भी हो सकती है। ऐसी घटनाओं को छोड़ दे तो निश्चित रूप से ऐसा लग लगता है कि रुपया अपने सबसे कठिन दौर से निकल आया है। हमारा अनुमान है कि सितंबर के अंत तक रुपए की उचित दर करीब 68-69 के आस पास रहेगी और इसी स्तर पर उसमें स्थिरता आ जाएगी।
उन्होंने कहा कि डालर के चढ़ने का मौजूदा सिलसिला सितंबर के अंत शांत हो चुकी होगी और वह रुपए के लिए अनुकूल होगा। साक्षी गुप्ता का मानना है कि अमेरिका में नवंबर में होने वाले मध्यावधिक चुनाव से पहले बनने वाले माहौल तथा वहां राजकोषीय और चालू खाते के घाटे की समस्या उभरने से डालर में तेरी का दौर ठंडा पड़ जाएगा।
साक्षी गुप्ता का कहना है कि तुर्की और अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्राओं की विनिमय दर में उथल पुथल तथा अमेरिका व चीन के बीच के प्रशुल्क युद्ध के कारण रुपए में में भी अभी कुछ उतार चढ़ाव दिख सकता है पर इस दौरान भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भी अपने तरफ से रुपए की स्थिरता के लिए प्रयास जरूर करेगा। उन्होंने कहा की चालू वित्त वर्ष की आखरी तिमाही में (अगले वर्ष मार्च के अंत तक) राजनीतिक जोखिम के कारण हमें रुपए फिर उतार चढ़ाव दिख सकता है। अगले साल भारत में आम चुनाव होने हैं।
साक्षी गुप्ता का अनुमान है कि इस साल दिसंबर के अंत तक रुपया प्रति डालर 67-68 के बीच रहेगा। अगले साल मार्च के अंत तक यह 68-68.5 के आप पास होगा। इस समय रुपए की विनिमय दर 70 रुपए प्रति डालर के इर्द गिर्द चल रही है।