बैंक ग्राहकों के लिए बुरी खबर, ATM से तय मुफ्त सीमा से अधिक बार पैसा निकालने पर देना होगा ज्यादा शुल्क
बैंकों को दूसरे बैंकों के एटीएम में कार्ड के उपयोग के एवज में लगने वाले शुल्क की क्षतिपूर्ति और अन्य लागत में बढ़ोतरी को देखते हुए उन्हें प्रति लेने-देन ग्राहक शुल्क बढ़ाने की अनुमति दी गई है।
नई दिल्ली। बैंकों के एटीएम (ATM) से तय मुफ्त सीमा से अधिक बार पैसा निकालने पर अगले साल से ज्यादा शुल्क देना होगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को बैंकों को अगले साल से एटीएम के जरिये निर्धारित मुफ्त मासिक सीमा से अधिक बार नकदी निकालने या अन्य लेन-देन करने को लेकर शुल्क बढ़ाने की अनुमति दे दी है। इसके तहत बैंक ग्राहक एक जनवरी, 2021 से अगर मुफ्त निकासी या अन्य सुविधाओं की स्वीकार्य सीमा से ज्यादा बार लेन-देन करते हैं, तो उन्हें प्रति लेन-देन 21 रुपये देने होंगे जो अभी 20 रुपये है।
आरबीआई ने एक परिपत्र में कहा कि बैंकों को दूसरे बैंकों के एटीएम में कार्ड के उपयोग के एवज में लगने वाले शुल्क (इंटरचेंज फी) की क्षतिपूर्ति और अन्य लागत में बढ़ोतरी को देखते हुए उन्हें प्रति लेने-देन ग्राहक शुल्क बढ़ाकर 21 रुपये करने की अनुमति दी गई है। बढ़ा हुआ शुल्क एक जनवरी, 2022 से प्रभाव में आएगा। हालांकि ग्राहक पहले की तरह अपने बैंक के एटीएम से हर महीने पांच मुफ्त लेन-देन (वित्तीय और गैर-वित्तीय लेन-देन) के लिए पात्र होंगे। वे महानगर में अन्य बैंकों के एटीएम से तीन बार और छोटे शहरों में पांच बार मुफ्त लेन-देन कर सकेंगे।
परिपत्र के अनुसार, साथ ही एक अगस्त, 2021 से प्रति वित्तीय लेन-देन इंटरचेंज शुल्क 15 रुपये से बढ़ाकर 17 रुपये तथा गैर-वित्तीय लेन-देन के मामले में 5 रुपये से बढ़ाकर 6 रुपये करने की अनुमति दी गई है। बैंक अपने ग्राहकों की सुविधा के लिए एटीएम लगाते हैं। साथ ही दूसरे बैंकों के ग्राहकों को भी इसके जरिये सेवाएं दी जाती हैं। निर्धारित सीमा से अधिक उपयोग के एवज में वे शुल्क लेते हैं, जिसे इंटरचेंज फी कहते हैं। आरबीआई ने कहा कि एटीएम लगाने की बढ़ती लागत और एटीएम परिचालकों के रखरखाव के खर्च में वृद्धि को देखते हुए शुल्क बढ़ाने की अनुमति दी गई है। इसमें संबंधित इकाइयों और ग्राहकों की सुविधाओं के बीच संतुलन की जरूरत को ध्यान में रखा गया है।
केंद्रीय बैंक ने एटीएम शुल्क और एटीएम लेनदेन के लिए इंटरचेंज स्ट्रक्चर पर विशेष फोकस के साथ फी पर विचार करने के लिए जून 2019 में इंडियन बैंक्स एसोसिएशन के चीफ एग्जीक्यूटिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था। आरबीआई ने कहा कि कमेटी की सिफारिश का विस्तार से परीक्षण किया गया। एटीएम लेनदेन के लिए इंटरचेज फी में आखिरी बार अगस्त 2012 में संशोधन किया गया था। 31 मार्च, 2021 की स्थिति के अनुरूप देश में 1,15,605 ऑन-साइट एटीएम और 97,970 ऑफ-साइट एटीएम हैं। मार्च,2021 के अंत तक विभिन्न बैंकों द्वारा लगभग 90 करोड़ डेबिट कार्ड जारी किए गए हैं। भारत में पहला एटीएम 1987 में मुंबई में एचएसबीसी द्वारा स्थापित किया गया था। इसके बाद के 12 वर्षों में लगभग 1500 एटीएम की स्थापना की गई। 1997 में इंडियन बैंक एसोसिएशन ने सावधान की स्थापना की, जो पहला साझा एटीएम का नेटवर्क था, जो इंटरऑपरेबल ट्रांजैक्शन की अनुमति देता है।
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