लखनऊ। जहां चारों ओर इस बात की चर्चा है कि सरकार एयर इंडिया को प्राइवेटाइज करने की तैयारी में है, वहीं सिविल एविएशन मिनिस्ट्री को एयर इंडिया के प्राइवेटाइजेशन से जुड़े प्रस्ताव के बारे में कोई जानकारी नहीं है। एक RTI के जवाब में यह खुलासा हुआ है। सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर द्वारा दायर सूचना के अधिकार आवेदन में उन्होंने मंत्रालय से एयर इंडिया के प्रस्तावित विनिवेश से संबंधित दस्तावेज मुहैया कराने की मांग की थी, जिसमें मंत्रालयों के बीच तथा विभिन्न कार्यालयों के बीच किए गए विमर्श के दस्तावेज भी शामिल थे।
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मंत्रालय के अवर सचिव चंद्र किशोर शुक्ल ने हालांकि उन्हें जानकारी दी कि उनके द्वारा मांगी गई जानकारी किसी भी दस्तावेज के रूप में मंत्रालय के पास उपलब्ध नहीं है, इसलिए जानकारी नहीं दी जा सकती। इससे पहले 11 जुलाई को एयर इंडिया के अधिकारी एस. के. बजाज ने भी एक RTI के जवाब में कहा था कि कंपनी ने किसी भी अन्य अधिकारी के साथ कोई पत्राचार नहीं किया है और न ही इसके प्रस्तावित विनिवेश के संबंध में किसी भी विभाग से कोई पत्र प्राप्त हुआ है।
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नूतन ठाकुर ने बताया कि उन्हें यह विचित्र सी बात लग रही है। उन्होंने कहा कि यह अजीब बात है कि संबंधित मंत्रालय और कंपनी को ही इस प्रक्रिया से अलग रखा गया है। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 28 जून को एयर इंडिया के विनिवेश की घोषणा की थी और कहा था कि मंत्रिमंडल ने इस योजना को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है।
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