नयी दिल्ली। वाहन उद्योग चाहता है कि सरकार आगामी आम बजट में क्षेत्र की वृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए कुछ ठोस राजकोषीय उपाय करे। इस समय वाहन उद्योग की रफ्तार सुस्त है। 2019 में वाहन उद्योग की बिक्री में पिछले दो दशक की सबसे अधिक गिरावट आई है। उद्योग सूत्रों ने कहा कि हम चाहते हैं कि क्षेत्र की स्थिति सुधारने के लिए बजट में सरकार कुछ ठोस कदम उठाए। वाहन उद्योग ने सरकार से बजट में वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर घटाने, लिथियम आयन बैटरी सेल पर शुल्क समाप्त करने की मांग की है।
पिछले एक साल से बिक्री में लगातार गिरावट से जूझ रहे उद्योग ने सरकार से प्रोत्साहन आधारित कबाड़ नीति लाने तथा पुराने वाहनों के इस्तेमाल को हतोत्साहित करने के लिए पुन: पंजीकरण शुल्क बढ़ाने की मांग की है। सूत्रों ने कहा कि भारत चरण-छह उत्सर्जन मानक उत्सर्जन घटाने की दृष्टि से एक सकारात्मक कदम है, लेकिन इससे वाहनों की लागत आठ से दस प्रतिशत बढ़ जाएगी। इससे सरकार का जीएसटी संग्रह भी बढ़ेगा।
वाहन उद्योग के एक सूत्र ने कहा, 'इस अतिरिक्त लागत से मांग घटेगी। सभी को इससे लाभ हो, इसके लिए हमने सरकार से मांग की है कि बीएस-छह वाहनों पर जीएसटी की दर को अप्रैल से 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत किया जाए।' सूत्र ने कहा कि जीएसटी कटौती का अधिकार जीएसटी परिषद को है और यह मामला बजट से सीधे नहीं जुड़ा है। लेकिन वाहन क्षेत्र में मांग बढ़ाने के लिए जीएसटी कटौती एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
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