मेलबर्न। ऑस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ चीनी पर सब्सिडी को लेकर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में शिकायत दर्ज कराई है। उसका मानना है कि भारत सरकार की सब्सिडी नीति से दुनियाभर में चीनी की कीमतों में भारी गिरावट आई है, जिसका नुकसान ऑस्ट्रेलियाई उत्पादकों को उठाना पड़ा है। ऑस्ट्रेलिया का आरोप है कि इसी सब्सिडी के चलते इस साल भारत में चीनी का उत्पादन बढ़ कर 3.5 करोड़ टन तक पहुंच गया है, जबकि इसका औसत उत्पादन 2 करोड़ टन सालाना है।
ऑस्ट्रेलिया का आरोप है कि भारत कृषि सब्सिडी के मामले में डब्ल्यूटीओ की सीमाओं का उल्लंघन कर रहा है। एबीसी न्यूज की शुक्रवार की एक खबर के मुताबिक भारत के साथ सीधे इस मुद्दे को कई बार उठाने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने यह कार्रवाई की है। इसका मतलब यह है कि शुरुआत में यह मुद्दा डब्ल्यूटीओ की कृषि समिति की इस महीने होने वाली बैठक में उठाया जाएगा।
ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री सिमॉन बीरमिंघम ने कहा कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक है। चीनी पर अपनी नीतियों के माध्यम से वैश्विक बाजार को बिगाड़ने की जिम्मेदारी उसी की है। बीरमिंघम ने कहा कि हमने हमारे उद्योग की चिंताओं को भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर कई बार उठाया है। लेकिन उनका समाधान नहीं होने से हमें निराशा हुई। अब हमारे सामने खुद के गन्ना किसानों और चीनी मिलों के हितों की रक्षा के लिए खड़ा होने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
उन्होंने कहा कि अब वह इस मसले पर भारत और डब्ल्यूटीओ के अन्य सदस्य देशों के साथ आधिकारिक बातचीत करेंगे। वह इस मुद्दे को इस महीने होने वाली डब्ल्यूटीओ की कृषि समिति की बैठक में उठाएंगे।
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