कैनबेरा। ऑस्ट्रेलिया में करीब 30 साल बाद आधिकारिक तौर पर पहली बार मंदी दर्ज की गई है। यहां जून तिमाही में पिछली तिमाही से जीडीपी में 7 प्रतिशत की गिरावट आई है। बुधवार को सामने आए आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑस्ट्रेलियाई सांख्यिकी ब्यूरो (एबीएस) के नए आंकड़ों के मुताबिक जून तिमाही की जीडीपी, इस साल की मार्च तिमाही से 0.3 प्रतिशत कम रही है। यह रिकॉर्ड गिरावट निजी क्षेत्र के कारण आई थी, जो कि कोविड-19 महामारी को रोकने के प्रयासों के तहत या तो बंद थे या प्रतिबंधित थे।
एबीएस में नेशनल अकाउंट्स के प्रमुख माइकल स्मीड्स ने इस गिरावट के लिए वैश्विक महामारी और इससे जुड़ी रोकथाम नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा मार्जिन है। यह 1959 के बाद से तिमाही जीडीपी में सबसे बड़ी गिरावट है।
एबीएस की रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि अतिरिक्त समर्थन भुगतानों के कारण, नकद राशि में दिया जाने वाला सामाजिक सहायता लाभ बढ़कर 41.6 प्रतिशत हो गया। परिवहन सेवाओं, वाहनों और होटलों, कैफे और रेस्तरां के संचालन में कमी से सेवाओं पर खर्च 17.6 प्रतिशत कम हो गया।
स्मीड्स ने आगे कहा कि जून तिमाही में सेवाओं को लेकर घरेलू खर्च में भी महत्वपूर्ण कमी देखी गई क्योंकि परिवारों ने इसे लेकर अपने व्यवहार को बदला और कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए ऐसी कई सेवाओं पर प्रतिबंध लगाए।
ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 मंदी का असर राज्यों में भी अलग तरह से महसूस किया गया। बीआईएस ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स की सारा हंटर के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि न्यू साउथ वेल्स और विक्टोरिया ने सबसे तेज गिरावट देखी, यहां राज्य की फाइनल डिमांड में क्रमश: 8.6 प्रतिशत और 8.5 प्रतिशत की गिरावट आई। तस्मानिया भी अंतरराष्ट्रीय पर्यटक न आने के कारण नुकसान में रहा।
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