नई दिल्ली। दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) इस समय अपने देश में आपूर्ति को पूरा करने की जरूरत एवं अपने अंतरराष्ट्रीय समझौते के बीच फंस गई है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदान पूनावाला (Adar Poonawalla) ने एक इंटरव्यू में बताया कि एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ने वैक्सीन की आपूर्ति में देरी होने के चलते कंपनी को कानूनी नोटिस भेजा है। इसलिए एसआईआई ने कोवीशील्ड (Covishield) का उत्पादन दोगुना करने के लिए भारत सरकार से ग्रांट के रूप में मदद मांगी है।
अदार पूनावाला ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 वैक्सीन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए करीब 3,000 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। पूनावाला ने कहा कि हमें मोटे तौर पर 3,000 करोड़ रुपये की जरूरत है, जो एक छोटा आंकड़ा नहीं है, क्योंकि हमने पहले ही हजारों करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं। हमें अपनी क्षमता निर्माण के लिए अन्य नए तरीके तलाशने होंगे।
उन्होंने कहा कि कंपनी को उम्मीद है कि कोविशील्ड वैक्सीन की उत्पादन क्षमता जून से प्रति माह 11 करोड़ तक बढ़ जाएगी। पूनावाला ने कहा कि कंपनी प्रति दिन 20 लाख खुराक का उत्पादन कर रही है। उन्होंने कहा कि हमने अकेले भारत में 10 करोड़ से अधिक खुराक दी हैं और अन्य देशों को लगभग छह करोड़ खुराक का निर्यात किया है।
सीरम इंस्टीट्यूट के साथ ही अन्य वैक्सीन उत्पादकों ने भी मुनाफा न लेने के लिए सरकार से सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई भी दूसरी वैक्सीन कंपनी इतनी घटी कीमतों पर टीके उपलब्ध नहीं करा रही है। पूनावाला ने साक्षात्कार में कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट अन्य के मुकाबले भारत की अस्थाई जरूरतों को प्राथमिकता दे रहा है। कंपनी वर्तमान में छह से सात करोड़ टीके प्रति माह उत्पादन कर रही है।
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