नई दिल्ली। उद्योग मंडल एसोचैम ने कालेधन की समस्या से निपटने के लिये स्टांप शुल्क में कमी और जमीन-जायदाद का इलेक्ट्रॉनिक रूप से रजिस्ट्रेशन जैसे उपाय करने का सुझाव दिया है। एसोचैम का कहना है कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था में कालाधन के मौजूदा भंडार को निकाला जा सकता है लेकिन गलत तरीके से कमाई गयी संपत्ति को सोना तथा जमीन-जायदाद जैसी संपत्ति में बदलने को समाप्त नहीं किया जा सकता। ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिये स्टांप शुल्क में कमी जैसे उपाय करने का सुझाव दिया है।
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अध्ययन में सामने आई ये बातें
- उद्योग मंडल के अध्ययन में कहा गया है, उच्च राशि के नोट को चलन से प्रतिबंधित करने से कालाधन के भंडार की समस्या दूर होगी लेकिन भविष्य में प्रवाह पर इसका प्रभाव नहीं होगा।
- इस प्रकार के प्रवाह को रोकने के लिये संपत्ति लेन-देन पर स्टांप शुल्क में कमी, जमीन-जायदाद का इलेक्ट्रानिक रूप से रजिस्टेशन आदि जैसे उपाय किए जाने की जरूरत होगी।
- अध्ययन के अनुसार ऐसे संकेत हैं कि प्रतिबंधित मुद्रा का लगभग पूरा हिस्सा बैंकों में सही या गलत तरीकों से आ गया है।
- यह बताता है कि बड़े नोटों को चलन से बाहर करने से गलत तरीके से कमाई गयी संपत्ति पूरी तरह समाप्त नहीं हो सकती।
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एसोचैम के महासचिव डी एस रावत ने कहा
कर अधिकारियों के पास संसाधन संबंधी बाधाओं को देखते हुए इतने बड़े पैमाने पर काले धन को सफेद बनाने की पहचान कठिन कार्य हो सकता है।
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