नई दिल्ली। उद्योग मंडल पीएचडी सीसीआई ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका व यूरोप जैसे पारंपरिक बाजारों को पीछे छोड़ते हुए एशिया व अफ्रीका तेजी से भारत के प्रमुख निर्यात बाजारों के रूप में उभर रहे हैं। वहीं वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं पर सफाई देते हुए कहा है कि उनकी विदेश यात्राओं से देश के निर्यात में आ रही गिरावट का कोई लेना-देना नहीं है।
पीएचडी सीसीआई के अनुसार भारत के निर्यात में विकसित अर्थव्यवस्थाओं का हिस्सा 2004-05 में 44 फीसदी था, जो 2014-15 में घटकर 37 फीसदी रह गया है। वहीं देश के निर्यात में विकासशील एशिया का हिस्सा 2004-05 में 48 फीसदी था, जो 2014-15 में बढ़कर 50 फीसदी हो गया है। पीएचडी सीसीआई के अध्यक्ष आलोक बी श्रीराम ने सरकार से निर्यातकों का समर्थन करने को कहा है, ताकि वे एशिया व अफ्रीका की विकासशील अर्थव्यवस्थओं को निर्यात बढ़ा सकें। श्रीराम ने एक बयान में कहा है कि निर्यातकों को सुविधाएं देने की जरूरत है ताकि वे अपने निर्यात का विविधिकरण कर सकें। उन्होंने कहा कि एशियाई और अफ्रीकी बाजारों में निर्यातकों की रुचि लगातार बढ़ रही है इसलिए देश का निर्यात अब पारंपरिक गंतव्यों पर केंद्रित नहीं रह गया है।
निर्यात में गिरावट के लिए पीएम की विदेश यात्राएं जिम्मेदार नहीं
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बार-बार की विदेश यात्रा के बावजूद देश का निर्यात घट रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी की इन विदेश यात्राओं से पिछली सराकर के भ्रष्टाचार और कुसंचालन का कलंक धोने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि इन दो मुद्दों को जोड़ना गलत है। निर्यात में गिरावट वैश्विक मांग में कमी तथा कुछ प्रमुख उपभोग वाले देशों में नकारात्मक वृद्धि दर की वजह से आई है। कांग्रेस ने इसी सप्ताह मोदी पर व्यंग्य करते हुए कहा था कि पिछले 18 महीनों में उनकी 30 देशों की यात्राओं के बावजूद देश का निर्यात 45 फीसदी घटा है।
निर्मला ने कहा कि मात्रा के हिसाब से निर्यात में भारी गिरावट नहीं आई है। बल्कि विनिमय दर में गिरावट की वजह से हमें निर्यात पर कम मूल्य मिल रहा है।
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