नई दिल्ली। कमोडिटी और फाइनेंशियल मार्केट एक्सपर्ट अशोक मित्तल ने नई दिल्ली स्थित नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी) लॉर्ड कृष्णा फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड का अधिग्रहण किया है। एक प्रतिष्ठित और जानेमाने पूर्व बैंकर, अशोक मित्तल के पास फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस का 20 साल का अनुभव है। वह एमके ग्लोबल और कार्वी में कमोडिटीज एंड करेंसी बिजनेस के सीईओ रह चुके हैं। इस कंपनी का अधिग्रहण करने से पहले वह एग्री फाइनेंशिंग कंपनी के सीईओ थे।
मित्तल ने बताया कि उन्होंने प्रेस्ट लोन के नाम से संचालित कंपनी के जरिये लॉर्ड कृष्णा का अधिग्रहण किया है। यह सौदा 2.5 करोड़ रुपए में हुआ है। इस रकम को दोस्तों और रिश्तेदारों से जुटाया गया है। उन्होंने कहा कि हम एक नए युग के फिनटेक एनबीएफसी हैं, जो कारोबार को समर्थन देने और प्रोत्साहित करने के लिए सभी तरह के ऋण उपलबध कराते हैं। यह लोन स्मॉल और मीडियम उद्यमों, एमएसएमई यूनिट, ई-कॉमर्स वेंडर्स और इनवेंट्री फंडिंग आदि के लिए दिया जाता है।
मित्तल ने बताया कि कंपनी ने एक हाई-एंड एल्गोरिदम विकसित किया है, जिसमें वित्तीय जानकारी जैसे आईटीआर, बैंक स्टेटमेंट आदि की आवश्यकता नहीं होती है। यहां वैकल्पिक डाटा से जानकारी जुटाकर लोन राशि, समय और ब्याज दर आदि की गणना की जाती है। वैकल्पिक डाटा के आधार पर विश्लेषण के जरिये लोन स्वीकृत करने का निर्णय कुछ ही मिनटों में लिया जाता है और जांच के बाद ऋण अधिकतम तीन दिन में जारी कर दिया जाता है।
वर्तमान में यह कंपनी दिल्ली से संचालित है और इसका फोकस दिल्ली-एनसीआर पर है, हालांकि यह दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा पर विशेष ध्यान देने के जरिये पूरे भारत में अपनी सेवाओं की पेशकश करती है। मित्तल ने आगे कहा कि हमारा टारगेट ग्राहक माइक्रो और स्मॉल बिजनेसमैन है, जिसके पास लेनदेन का सही रिकॉर्ड नहीं होता है। इनमें छोटे इलाकों के किराना वाले, पान वाला, कुल्चा छोला वाला, जूस और फालूदा वाला, मिठाई की दुकान, चमड़ा उत्पाद बेचने वाला या स्थानीय निर्माता, मोबाइल या कम्प्यूटर रिपेयर करने वाला आदि शामिल हैं। यह लोग अच्छा टर्नओवर और प्रॉफिट मार्जिन के बावजूद वित्तीय दस्तावेजों के अभाव में किसी बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान से लोन लेने में सक्षम नहीं हैं। इन्हें मजबूरी में स्थानीय मनी लेंडर्स से 3 से 5 प्रतिशत प्रति माह की दर पर ऋण लेना पड़ता है।
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