पार्किंग जगह की मंजूरी के लिए नौ महीने लगे, गडकरी ने कहा: शर्मिंदा हूं
नितिन गडकरी ने कहा कि वे इस बात पर शर्मिंदा महसूस कर रहे हैं कि उनके खुद के मंत्रालय को स्वचालित पार्किंग जगह की मंजूरियों के लिए नौ महीने इंतजार करना पड़ा।
नई दिल्ली। व्यापार सुगमता पर सरकार के जोर के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वे इस बात पर शर्मिंदा महसूस कर रहे हैं कि उनके खुद के मंत्रालय को स्वचालित पार्किंग जगह की मंजूरियों के लिए नौ महीने इंतजार करना पड़ा। इस परियोजना को लेकर बहुत इच्छुक रहे गडकरी ने संसद भवन के निकट परिवहन भवन में इस परियोजना की नींव रखी और वे मंजूरी में देरी को लेकर नाराजगी जताई। इस पर शहरी विकास मंत्री वैंकेया नायडू ने इस तरह की सभी मंजूरियों प्रदान करने के लिए एक महीने की समयसीमा तय करने का वादा किया।
नायडू ने कहा कि व्यापार सुगमता को वास्तविकता में बदलने के लिए मंजूरियों को सुगम बनाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है और सरकार इसको लेकर बहुत गंभीर है।गडकरी ने कहा कि स्वचालित पार्किंग प्लाजा का उद्घाटन संभवत प्रधानमंत्री करेंगे और कहा कि जब भी प्रधानमंत्री ने इसकी प्रगति के बारे में जानना चाहा तो वे शर्मिंदा महसूस करते। उन्होंने कहा कि सरकारी एजेंसी होने के बावजूद राजमार्ग मंत्रालय को विभिन्न मंत्रालयों से मंजूरियां हासिल करने में नौ महीने लगे।
नायडू ने कहा, एक परियोजना को मंजूरी में नौ महीने लगे, इसके निर्माण में नौ महीने और लगैंगे। एक तरफ तो हम व्यापार सुगमता की बात करते हैं दूसरी ओर मंजूरी में सुगमता भी उतना ही महत्वपूर्ण है। हमारी (विभिन्न मंत्रालयों के साथ) कई बैठकें हुई हैं और आखिर में हमने एक योजना बनाई है कि सारी मंजूरियों 30 दिन में दे दी जाएं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में वाहनों की भीड़ बड़ी समस्या है और गडकरी के नवोन्मेषी विचार से अन्य मंत्रालयों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए।
यह भी पढ़ें- UP,HP में 4,428 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को मंजूरी, 35,000 किलोमीटर की रेल लाइनों का होगा विद्युतीकरण
सरकार ने 106 राष्ट्रीय राजमार्गो को तीन श्रेणियों में समूहबद्ध किया
सरकार ने देश में 106 राष्ट्रीय राजमार्गो को, उनकी लाभप्रदता, तटीय क्षेत्र तथा पहाड़ी और दूरदराज क्षेत्र के आधार पर तीन श्रेणियों में समूहबद्ध किया है। यह जानकारी संसद को दी गई। पोत परिवहन राज्यमंत्री पी राधाकृष्णन ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया कि पिछले महीने राष्ट्रीय जलमार्ग कानून, 2016 प्रभाव में आया है जिसमें इन 106 राजमार्गो को राष्ट्रीय राजमार्गो घोषित किया गया तथा मौजूदा समय में चुने गए राष्ट्रीय राजमार्गो का प्रौद्योगिकीय आर्थिक व्यवहार्यता का अध्ययन किया जा रहा है। उन्होंने कहा, कि इन 106 नए राष्ट्रीय राजमार्गो पर विकास के काम की तैयारी के तहत आईडब्ल्यूएआई ने उन्हें तीन श्रेणियों में समूहबद्ध किया है।
यह भी पढ़ें- सूचना प्रौद्योगिकी के जरिए रखी जा रही है 6 लाख करोड़ रुपए की 900 राजमार्ग परियोजनाओं पर नजर