कुआलालंपुर। आसियान के नेताओं ने यूरोपीय संघ (EU) की तर्ज पर एक रीजनल इकोनॉमिक ब्लॉक बनाने की घोषणा की है। इसका नाम आसियान इकोनॉमिक कम्युनिटी (AEC) रखा है। एईसी ऐसा सिंगल मार्केट होगा जिसमें सामान, पूंजी और स्किल्ड लेबर का आना-जाना आजादी से हो पाएगा।
सिंगल मार्केट बनेगा आसियान
एईसी की स्थापना पर कुआलालंपुर घोषणा पत्र पर आसियान के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान-की मून के सामने 10 राष्ट्रों के नेताओं ने हस्ताक्षर किए। एईसी में सिंगल मार्केट बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। इसके तहत सामान, पूंजी और स्किल्ड लेबर का आना-जाना आजादी के साथ हो सकेगा। यह दक्षिण पूर्व एशिया की विविध अर्थव्यवस्थाओं का एकीकरण करेगा। इस क्षेत्र की कुल जनसंख्या 62 करोड़ है और डीजीपी 24000 अरब डॉलर की है।
इसके साथ ही आसियान के नेताओं ने आसियान 2025, साथ मिलकर आगे बढ़ने पर भी एक घोषणा पत्र स्वीकार किया। घोषणा पत्र में कहा गया है कि आसियान एक ऐसे समुदाय की दिशा में काम कर रहा है जो कि राजनीतिक रूप से गुंथा हुआ, आर्थिक रूप से एकीकृत और सामाजिक जवाबदेह है। आसियान 2025 दस्तावेज में अगले दस साल में एईसी के निर्माण की राह तय की गई है।
अगले एक महीने में 3 देश एफटीए को करेंगे लागू
लंबे समय से पेंडिंग सर्विस और इन्वेस्टमेंट संबंधी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) को अगले महीने तक लागू होने की संभावना है। आसियान के सदस्य देश इंडोनेशिया, फिलीपींस और कंबोडिया इसकी पुष्टि कर सकते हैं। इससे 10 सदस्यों वाले आसियान संगठन के बीच कारोबार और आसान हो जाएगा।
लाओस ने समझौते को किया स्वीकार, बाकी का इंतजार
सरकारी सूत्रों के मुताबिक सिंगापुर सहित दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के अनेक सदस्य इस समझौते पर हस्ताक्षर के लिए तीनों देशों पर दबाव बना रहे हैं और भारत को बताया गया है कि यह प्रक्रिया दिसंबर तक पूरी हो जाएगी। जिन देशों ने सर्विस और इनवेस्टमेंट पर एफटीए को मान लिया है वहां यह जुलाई से प्रभावी हो गया है। आसियान के अन्य सदस्य देशों में ब्रुनेई, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम है। लाओस ने समझौते के सेवा वाले हिस्से की पुष्टि कर दी है जबकि निवेश वाले भाग को मंजूरी अभी दी जानी है।
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