नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरूण जेटली मंगलवार को इंडस्ट्री चैम्बर्स से मुलाकात करेंगे। इस दौरान घरेलू कालेधन की निकासी के लिए पेश की गई आय घोषणा योजना को लेकर उनके मन में उठने वाली आशंकाओं को दूर करेंगे। चार महीने की सीमित अवधि के लिए लागू इस योजना के तहत देश में बेहिसाब धन सम्पत्ति रखने वाले उसका विवरण दे कर हिसाब किताब सही कर सकते है। वित्त मंत्री की यह इस तरह की पहली बैठक है।
इस योजना में घोषित आय के 45 फीसदी के बराबर कर और जुर्माना अदा करना होगा। बैठक में इस अनुपालन सुविधा के प्रावधानों और इससे जुड़े संदेहों के बारे में बताया जाएगा। अय-कर विभाग ने इस योजना की सफलता सुनिश्चित करने के लिए चौमुखी रणनीति बनाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काला धन रखने वालों को कल चेतावनी दी कि वे इस सुविधा का फायदा उठाएं, नहीं तो उन्हें कार्रवाई का सामना करना होगा। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, मंत्री आय घोषणा योजना (आईडीएस)-2016 के संबंध में इंडस्ट्री चैम्बर्स, सीए और अन्य पेशेवरों से मिलेंगे।
जेटली ने बजट में आईडीएस 2016 के तहत चार महीने की ऐसी सुविधा की घोषणा की थी। एक जून को खुली इस सुविधा के तहत देश में काला धन रखने वालों को गैरकानूनी तरीके से अर्जित धन की घोषणा के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया है। मोदी ने लोगों से 30 सितंबर तक अघोषित आय की घोषणा करने की अपील की। प्रधानमंत्री ने ऐसे लोगों को साफ किया है उनके लिए उन समस्याओं से बचने का यह आखिरी मौका है जो उन्हें यह सुविधा खत्म होने के बाद झेलनी पड़ सकती है।
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