नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली फंसे कर्ज (NPA) तथा उसकी तेजी से वसूली के लिए बैंकों की तरफ से उठाए गये कदमों पर चर्चा करेंगे। इसके लिए वह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ सोमवार यानि 12 जून को बैठक करेंगे। बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) 6 लाख करोड़ रुपए को पार कर गया है। इसके अलावा जेटली सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन की भी समीक्षा करेंगे। चालू वित्त वर्ष में जेटली और बैंक प्रमुखों के बीच होने वाली यह पहली बैठक है।
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बैंक नियमन कानून, 1949 में संशोधन के लिए पिछले महीने जारी अध्यादेश के बाद इस प्रकार की यह पहली बैठक है। सरकार ने इस अध्यादेश के जरिए रिजर्व बैंक (RBI) को NPA की वसूली करने की कार्यवाही शुरू करने के लिए बैंकों को निर्देश देने का अधिकार दिया है। साथ ही NPA संकट के समाधान के लिए और उपायों का वादा किया गया है।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि,
बैठक के एजेंडे में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) की गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) से संबंधित मुद्दों का समाधान, MSE ऋण की स्थिति, स्टैंड अप इंडिया तथा मुद्रा योजना समेत अन्य मुद्दे शामिल हैं।
इसके अलावा एजेंडे में वित्तीय समावेश तथा साक्षरता, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना तथा अटल पेंशन योजना समेत अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की समीक्षा शामिल है। पूरे दिन चलने वाली बैठक में साइबर सुरक्षा, बैंक लेन-देन का डिजिटलीकरण, ग्रामीण विकास, कृषि ऋण तथा शिक्षा ऋण जैसे क्षेत्रों को भी शामिल किया जाएगा।
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वस्तु एवं सेवा कर (GST) के क्रियान्वयन में बैंकों की भूमिका और तैयारी पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। GST एक जुलाई से लागू होने वाला है। उल्लेखनीय है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का NPA वित्त वर्ष 2016-17 में अप्रैल-दिसंबर के दौरान एक लाख करोड़ रुपए से अधिक बढ़कर 6.06 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया।
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