नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने Budget तय समय से पहले पेश करने का निर्णय किया है लेकिन वह इस बात को लेकर गंभीर है कि पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के बीच में Budget पेश नहीं किया जाए। उल्लेखनीय है कि अगले साल की शुरूआत में उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं। उन्होंने कहा कि सैद्धांतिक रूप से हमने Budget पहले पेश करने का फैसला कर लिया है।
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एक महीने पहले पेश होगा Budget
- मंत्रिमंडल ने 21 सितंबर को सैद्धांतिक रूप से फरवरी माह के अंतिम दिन Budget पेश किये जाने की उपनिवेश काल से चली आ रही परपंरा को समाप्त कर इसे एक महीने पहले पेश करने का फैसला किया।
- इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि सालाना खर्च योजना और कर प्रस्ताव के लिये विधायी मंजूरी प्रक्रिया एक अप्रैल से शुरू नए वित्त वर्ष से पहले पूरी हो जाए।
- जेटली ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा, Budget पहले पेश किये जाने का कारण हम चाहते हैं कि पूरी बजट प्रक्रिया और वित्त विधेयक समय रहते पारित हो जाए और एक अप्रैल से लागू हो।
- फिलहाल पूरी प्रक्रिया जून तक पूरी होती है और तब तक मानसून आ जाता है जिससे प्रभावी तौर पर व्यय अक्तूबर से शुरू होता है।
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सरकार चाहती है कि व्यय अप्रैल से ही शुरू हो
- जेटली ने कहा, सरकार चाहती है कि व्यय अप्रैल से ही शुरू हो। उन्होंने कहा कि 2017 में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसीलिए हम तालमेल बैठाना चाहते हैं ताकि चुनाव के बीच में Budget की घोषणा नहीं करनी पड़े।
- इसीलिए यह इससे पहले या उसके बाद होगा। इससे पहले, वित्त मंत्रालय का यह प्रस्ताव था कि Budget एक फरवरी को पेश हो और पूरी प्रक्रिया 24 मार्च तक पूरी हो जाए।
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