GST पर लोकसभा में 7 घंटे की बहस जारी, जेटली बोले गेम चेंजर, कांग्रेस ने कहा 'बेबी स्टेप'
बुधवार को लोकसभा में GST से जुड़े 4 बिल सेंट्रल जीएसटी, इंटिग्रेटेड जीएसटी (आई-जीएसटी), यूनियन जीएसटी (यूटी-जीएसटी) पर 7 घंटे के लिए बहस शुरू हो गई है
नई दिल्ली। बुधवार को लोकसभा में GST (वस्तु एवं सेवा कर) से जुड़े 4 बिल सेंट्रल जीएसटी (सी-जीएसटी), इंटिग्रेटेड जीएसटी (आई-जीएसटी), यूनियन जीएसटी (यूटी-जीएसटी) और मुआवजा कानून पर बहस शुरू हो गई है। बिल पर डिबेट के लिए 7 घंटे का वक्त तय किया गया है। अरुण जेटली ने सोमवार को जीएसटी से जुड़े 4 बिलों को सोमवार को संसद में पेश किया था। बिल में मैक्सिमम 40% जीएसटी रेट, मुनाफाखोरी रोकने के लिए अथॉरिटी बनाने और कर चोरी करने पर गिरफ्तारी जैसे प्रोविजन हैं। विवाद सुनवाई के लिए जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल का गठन होगा।
जीएसटी बिल पर चर्चा शुरू करते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी को क्रांतिकारी बिल बताते हुए सबके हितों वाला करार दिया। वित्त मंत्री ने लोकसभा में कहा कि इसके अधिकारों का दुरुपयोग न हो ये ध्यान रखना होगा। उन्होंने कहा कि सिफारिशों और सर्वसम्मति के आधार पर जीएसटी परिषद की अब तक 12 बैठकें हो चुकी हैं। कांग्रेस नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने बिलों में मौजूद कमियों की ओर ध्यान दिलाया। मोइली ने कहा, “मैं इसे गेमचेंजर नहीं कह सकता… सिर्फ एक छोटा-सा कदम कहूंगा।
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आखिरी पड़ाव में GST बिल
- लोकसभा से पारित होने पर आजादी के बाद देश का सबसे बड़ा टैक्स सुधार माने जाने वाला वस्तु एवं सेवा कर क्रियान्वित होने की दिशा में आखिरी पड़ाव में आ जाएगा।
- इसके लागू होने से राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय और स्थानीय करों को एक एकीकृत टैक्स सिस्टम में बदलने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। सभी केंद्रीय उत्पाद, सेवा कर एवं राज्य वैट तथा तैयार सामान एवं सेवाओं पर लगने वाले अन्य अप्रत्यक्ष कर इसमें शामिल हो जाएंगे और पूरा देश एक बाजार में तब्दील हो जाएगा।
जीएसटी बिल के अहम प्रोविजन
- डिमेरिट गुड्स पर सेस: पान मसाला पर मैक्सिमम 135%, सिगरेट पर 290% लग्जरी कार और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स पर 15% तक सेस लगाने का प्रावधान है।
- कर चोरी पर जेल: ट्रांजेक्शन छिपाने या कर चोरी करने पर गिरफ्तारी हो सकती है। दोषी व्यक्ति को 5 साल तक की जेल और/या जुर्माना।
- मुनाफाखोरी पर लगाम: जिन वस्तुओं पर कम टैक्स लगेगा, उसका फायदा कस्टमर को मिलेगा। ऐसा नहीं करने वालों पर कार्रवाई होगी। नजर रखने के लिए अथॉरिटी बनेगी।
- छोटे बिजनेस को राहत: सालाना 50 लाख रुपए तक बिजनेस करने वाले मैन्युफैक्चरर्स को टर्नओवर के 1% तक टैक्स देना होगा। सप्लायर्स के लिए 2.5% है।
- ई-कॉमर्स पर भी जीएसटी: ई-कॉमर्स कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने वाले सप्लायर्स को भुगतान करने से पहले टैक्स काटेंगी। यह अधिकतम 1% होगा।
तस्वीरों के जरिए समझिए क्या है GST
GST
केंद्रीय जीएसटी की प्रमुख बातें
- सोमवार को पेश चार विधेयकों में एक केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) विधेयक भी शामिल है। सीजीएसटी के प्रावधानों के अनुसार जमीन को पट्टे, किराये या लाइसेंस पर देने को सेवा आपूर्ति माना जाएगा।
- इसी तरह किसी भवन (वाणिज्यिक, औद्योगिक या आवासीय परिसर) को कारोबार आदि के लिए किराये पर देने को भी सर्विस सप्लाइ माना जाएगा। जीएसटी विधेयकों के अनुसार, जमीन बिक्री तथा (निर्माणाधीन भवनों को छोड़ कर) भवनों की बिक्री पर भी जीएसटी लागू नहीं होगा।
ये भी हैं अहम
- स्टेट जीएसटी को भी केंद्रीय जीएसटी विधेयक के मॉडल पर ही तैयार किया गया है। इसके अलावा इंटीग्रेटेड जीएसटी के तहत वे नियम हैं, जिनमें गुड्स की इंटर-स्टेट मूवमेंट को लेकर बात की गई है।
- वहीं, यूनियन टेरिटरी जीएसटी में केंद्र शासित प्रदेशों में इस व्यवस्था के प्रावधान निर्धारित किए गए हैं। गौरतलब है कि सरकार जीएसटी को 1 जुलाई, 2017 से लागू करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।