नई दिल्ली। देश का बजटीय राजकोषीय घाटा जून में बढ़कर 4.29 लाख करोड़ रुपये रहा, जो चालू वित्त वर्ष के लक्ष्य का 68.7 फीसदी है। आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 6.24 लाख करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटे का बजटीय लक्ष्य निर्धारित किया है। महालेखा नियंत्रक (सीजीए) के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि का राजकोषीय घाटा 80.8 फीसदी था।
वित्त वर्ष 2018-19 का राजकोषीय घाटा (सरकार की कमाई और व्यय का अंतर) देश के सकल घरेलू उत्पाद का 3.3 फीसदी या 6.24 लाख करोड़ रुपये रहा। सीजीए के आंकड़ों के मुताबिक, समीक्षाधीन अवधि के दौरान शुद्ध कर राजस्व 2.37 लाख करोड़ रुपये था, या बजट अनुमानित लक्ष्य का 16 फीसदी था।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान राजस्व और गैर-ऋण पूंजी से कुल प्राप्ति 2.68 लाख करोड़ रुपये या चालू वित्त वर्ष के अनुमानों का 15.5 फीसदी रहा। आंकड़ों से पता चला है कि अप्रैल-जून की अवधि के दौरान कुल व्यय 7.08 लाख करोड़ रुपये या पूरे वित्त वर्ष के अनुमान का 29 फीसदी रहा।
इस संबंध में, अमेरिकी रेटिंग एजेंसी मूडीज ने सोमवार को कहा कि 88 उपभोक्ता वस्तुओं पर जीएसटी परिषद द्वारा हाल में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में की गई कटौती से राजस्व संग्रह प्रभावित होगा और राजकोषीय घाटा कम करने के प्रयासों पर भार पड़ेगा।
मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने एक शोध पत्र में कहा कि हम हालिया कर कटौती से सालाना सकल घरेलू उत्पाद का 0.04 फीसदी से 0.08 फीसदी राजस्व में कमी का अनुमान लगाते हैं।
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