नई दिल्ली। वित्तीय संकट में फंसे अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस ग्रुप ने मुंबई के बलार्ड एस्टेट में अपने कॉरपोरेट मुख्यालय रिलायंस सेंटर को खाली कर दिया है। फाइनेंस से लेकर डिफेंस सेक्टर में काम करने वाला यह ग्रुप अपने ऋण बोझ को कम करने के लिए संपत्तियों की बिक्री कर रहा है। रिलायंस ग्रुप अब सांताक्रूज स्थित कॉरपोरेट ऑफिस से अपना संचालन करेगा।
रिलायंस ग्रुप पर कुल 60,000 करोड़ रुपए का कर्ज है। कंपनी ने मुंबई में अपना पावर डिस्ट्रीब्यूशन बिजनेस इस साल मार्च में अडानी ग्रुप को 18,800 करोड़ रुपए में बेचा है। ग्रुप के फ्लैगशिप रिलायंस कम्यूनिकेशंस ने अपने कर्जदाताओं को 51 प्रतिशत हिस्सेदारी देने की पेशकश की है। कंपनी शेष 27,000 करोड़ रुपए का भुगतान अपने नियंत्रण वाले स्पेक्ट्रम को बेचने से प्राप्त होने वाले 17,000 करोड़ रुपए और पूरे देश में स्थित रियल एस्टेट परिसंपत्ति को बेचने से मिलने वाले 10,000 करोड़ रुपए के जरिये करेगी।
ग्रुप की पावर जनरेशन कंपनी रिलायंस पावर भी संकट में है। वर्तमान में इसकी मार्केट वैल्यू 11,400 करोड़ रुपए है। 2008 में जब इसका आईपीओ आया था तब कंपनी का मार्केट कैप 11,700 करोड़ रुपए था। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए ग्रुप के कॉरपोरेट ऑफिस को सांताक्रूज ले जाया गया है और अनिल अंबानी सहित पूरा टॉप मैनेजमेंट वहीं पर बैठता है। इसलिए दक्षिण मुंबई में ऑफिस को बनाए रखने का कोई मतलब नहीं था।
अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ सालों से बलार्ड एस्टेट स्थित ऑफिस का इस्तेमाल केवल महत्वपूर्ण अवसरों जैसे बोर्ड मीटिंग्स और प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए ही किया जा रहा था। रिलायंस सेंटर में 6,000 वर्ग फुट वाले तीन फ्लोर्स पर ग्रुप का नियंत्रण आगे भी बना रहेगा। एक रियल एस्टेट कंसल्टेंसी कंपनी ने बताया कि रिलायंस इस जगह से हर महीने 10 लाख रुपए का किराया आराम से हासिल कर सकती है।
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